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UNSC में जयशंकर ने आतंकवाद को बताया सबसे गंभीर खतरा, पाकिस्तान को किया आगाह

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, शनिवार, 29 अक्टूबर 2022 (11:29 IST)
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है। जयशंकर का इशारा पाकिस्तान की ओर था। 
 
दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद एशिया और अफ्रीका में आतंकवाद का खतरा बढ़ा है।
 
विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है। यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।
 
जयशंकर ने कहा कि इसके बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी रिपोर्टों में बार-बार उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए किया जा रहा है।
 
विदेश मंत्री ने आतंकवादी समूहों द्वारा नई प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच 'आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट' में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं।
 
जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। उन्होंने कहा कि वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं।
 
जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
 
विदेश मंत्री ने कहा, 'रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।'
Edited by : Nrapendra Gupta (भाषा)

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