मंत्रिमंडल में बराबरी पर अभी भी अड़ी है भाजपा

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। चार दिन पहले राज्य में गठबंधन सरकार बनाने को राजी हुए दोनों राजनीतिक दलों (भाजपा और पीडीपी) के बीच अभी तक शपथ ग्रहण की तारीख पक्की करने पर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों के बीच मंत्री पदों के बंटवारे का मुद्दा समस्या पैदा कर रहा है। 
25 सीटें पाने वाली भाजपा अपने साथ अन्य दो विधायकों को भी जोड़कर सबसे बड़ा राजनीतिक दल बताते हुए सरकार में ज्यादा हिस्सेदारी पर अड़ी हुई है। उसके अड़ियलपन का दूसरा पहलू यह भी है कि दोनों दलों में अंदेशा इस बात का भी पैदा हो गया है कि कहीं सरकार बनने से पहले ही गठबंधन टूट न जाए।
 
भाजपा कोर ग्रुप की बुधवार को बैठक भी हुई। इसमें फिर से मंत्रालयों और सरकार में हिस्सेदारी पर मंथन हुआ। पर महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने का दावा करने वाले दिन ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि न ही मंत्री पदों में कोई बदलाव होगा और न ही मंत्रालयों में।
 
लेकिन भाजपा को यह कथन समझ नहीं आ पा रहा है। कारण स्पष्ट है। मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की मौत के बाद के गणित को वह गले में डाले हुए है। सईद की मृत्यु के बाद पीडीपी के पास अब 27 विधायक बचे हैं। जबकि भाजपा के पास 25 विधायक। पर वह पीपुल्स कॉफ्रेंस और निर्दलीय विधायक को भी अपने खाते में जोड़ते हुए अब गठबंधन में भाजपा को बराबरी का दल मान रही है।
 
पीडीपी उसके इस गणित को सिरे से नकार चुकी है। नतीजा सामने है। शपथ ग्रहण समारोह की तारीख पक्की नहीं हो पा रही है। राजभवन इसके लिए इंतजार कर रहा है। इतना जरूर है कि पीडीपी को अब भाजपा पर कुछ शक भी होने लगा है। पीडीपी के गलियारों में अब भाजपा के उस समर्थन पत्र पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं जो भाजपा ने सरकार बनाने की खातिर राज्यपाल को सौंपा था।
 
याद रहे 26 मार्च को भाजपा अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित जो समर्थन पत्र भाजपा के विधायक दल के नेता और उप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार निर्मल सिंह द्वारा राज्यपाल को सौंपा गया था उसमें ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने की बात कही गई थी जो राजनीतिक पंडितों को कुछ पच नहीं रहा है।
 
सत्ता के गलियारों से मिलने वाली खबरें कहती हैं कि भाजपा कहीं न कहीं मोलभाव के मूड में है और वह इसके लिए सरकार न बनाने का खतरा तक मोल ले सकती है। यही कारण है कि अभी तक सरकार के गठन की तारीख पक्की न होने के कारण यह भी चर्चा है कि कहीं बराबरी के चक्कर में ट्रेन न छूट जाए।
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?