जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। शनिवार को भाजपा और पीडीपी ने राज्य में गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। दोनों दलों के नेताओं ने आज दोपहर राज्यपाल नरेंद्र नाथ वोहरा से मुलाकात कर सरकार बनने का दावा किया। हालांकि दोनों दलों में मंत्रीपदों को लेकर अभी भी विवाद है पर दोनों दलों के नेताओं ने ऐसे किसी विवाद से इंकार किया है।
महबूबा मुफ्ती के विधायक दल के नेता चुने जाने और फिर भाजपा से समर्थन के बाद आज का दिन खास है। जिसके लिए महबूबा मुफ्ती राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचीं। इसके साथ ही भाजपा और पीडीपी दोनों दलों ने प्रदेश के राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से कहा कि वह प्रधानमंत्री से मिले आश्वासन के बाद सरकार गठन को लेकर संतुष्ट हैं। 
 
इसके साथ ही महबूबा ने कहा कि वह भाजपा के बिना शर्त समर्थन को लेकर और जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर शुक्रगुजार हैं। शुक्रवार को पहले दोनों दलों को राज्यपाल से मुलाकात करनी थी, लेकिन फिर आज का दिन तय किया गया। शुक्रवार को भाजपा शीर्ष नेतृत्व के नेता राम माधव ने पार्टी के विधायकों से मुकालात की थी। केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा भी था कि भाजपा और पीडीपी गठबंधन होना ही था।
 
इस तरह से राज्य में एक बार फिर बीजेपी-पीडीपी की गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनेंगी, जबकि भाजपा के निर्मल सिंह उपमुख्यमंत्री होंगे। राज्यपाल से मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने के लिए धन्यवाद बोला।
 
राज्यपाल से मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि दोनों दलों के बीच विभागों को लेकर कोई विवाद नहीं है। कश्मीर का विकास देश के लिए मिसाल होगा। हमें विकास की गति को बनाए रखने के लिए गठबंधन के एजेंडे को बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के एजेंडे को पुनर्स्थापित करने के लिए जो भी समय लगा वो मूल्यवान था। राज्य के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को ध्यान में रखते हुए हमने एक गठबंधन को बनाए रखा। वहीं भाजपा के निर्मल सिंह ने कहा कि हमने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंप दिया है। विभागों को लेकर बातचीत चल रही है।
 
इससे पहले शुक्रवार की देर शाम खबर आई थी की दोनों पार्टियों के बीच पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर मतभेद उभरे हैं। इसके बाद शनिवार को राज्यपाल से मिलने की औपचारिकता खटाई में पड़ती दिख रही थी। दरअसल भाजपा का कहना था कि उसके पास 28 विधायक हैं, जिसमें सज्जाद लोन के दो और एक निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता हैं, जबकि पीडीपी के पास सिर्फ 27 विधायक हैं। कम एमएलए होने के बाद भी भाजपा पीडीपी को मुख्यमंत्री का पद दे रही है।
 
विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा कैबिनेट में महत्वपूर्ण विभाग लेना चाहती है। अगर पीडीपी गृह, वित्त, ग्रामीण विकास, शिक्षा, राजस्व, सामान्य प्रशासन विभाग, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण और परिवहन मंत्रालय लेती है, तो भाजपा को योजना, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, पीएचई और सिंचाई, कृषि, राज्यमंत्री (गृह), बिजली और सहकारी विभाग चाहिए। 
 
सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार में सज्जाद लोन के लिए भी एक मंत्रालय चाहती है, जो कि उसके कोटा से न हो, क्योंकि सज्जाद भाजपा और पीडीपी दोनों को समर्थन दे रहे हैं। उनको लेकर भी पीडीपी का रुख थोड़ा अलग है।
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