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पहलगाम नरसंहार के बाद से ही सहमा हुआ है जम्मू कश्मीर, धार्मिक स्थलों पर आतंकी हमले का डर

धार्मिक स्थलों के एरिया में रहने वालों को आतंकी हमलों की पुनरावृत्ति का डर है तो कश्मीर में कार बमों की दहशत चेहरों की हवाइयां उड़ा रही हैं।

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सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (12:00 IST)
Fear of attacks on religious places: पहलगाम (Pahalgam) के ताजा हमले के बाद सारे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट (high alert) जारी करने की बात कही गई है। पर बावजूद उसके, सारा प्रदेश सहमा हुआ है। विशेषकर प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के आसपास रहने वाले और कश्मीर घाटी के बाशिंदे। धार्मिक स्थलों के एरिया में रहने वालों को आतंकी हमलों (terrorist attacks) की पुनरावृत्ति का डर है तो कश्मीर में कार बमों की दहशत चेहरों की हवाइयां उड़ा रही हैं।ALSO READ: पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा एक्शन, समंदर में उतारा INS विक्रांत, अगली तैयारी सुन पाकिस्तान भी कांप जाएगा
 
अधिकारियों ने दावा किया है कि पहलगाम के ताजा हमले के बाद सारे प्रदेश में सतर्कता को बढ़ाया तो गया लेकिन खुफिया एजेंसियों की खबरों के कारण दहशत फैल रही है। उनका कहना था कि कुछ लोगों द्वारा खुफिया रिपोर्टों को प्रमुखता दिए जाने के बाद लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।ALSO READ: पहलगाम के हमलावरों और उनके आकाओं को ऐसी सजा देंगे जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी, बुरी तरह भड़के मोदी
 
वैष्णोदेवी का तीर्थस्थान आतंकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर : असल में खुफिया रिपोर्टें कहती हैं कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में भी धार्मिक स्थलों पर हमलों को अंजाम दे सकते हैं। यूं तो रघुनाथ मंदिर पर 2 बार आतंकी हमला हो चुका है। वैष्णोदेवी गुफा तक आतंकी पहुंचे तो कई बार, पर हर बार सुरक्षाबलों को सफलता मिली थी। और अब ताजा रपटों के बकौल, वैष्णोदेवी का तीर्थस्थान आतंकी हिट लिस्ट में सबसे ऊपर है।ALSO READ: अजित पवार बोले, पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए पूरे भारत में भावनाएं उमड़ रही
 
अधिकारी इसे मानते हैं कि बहुत बड़े भूभाग में फैले वैष्णोदेवी तीर्थस्थल की सुरक्षा कर पाना संभव भी नहीं है। तभी तो तीर्थस्थान के बेस कैम्प कटड़ा में एक बार हथगोले का हमला 7 श्रद्धालुओं की जान लील चुका है। चारों ओर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आतंकी कई बार शॉर्टकट रास्तों का इस्तेमाल कर गुफा से मात्र एक-डेढ़ किमी की दूरी पर घात लगा चुके हैं। 1 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा प्रदान कर पाना कितना कठिन काम है आप बेहतर समझ सकते हैं, कटड़ा में तैनात एक वरिष्ठ केरिपुब अधिकारी का कहना था।ALSO READ: पहलगाम आतंकी हमले के बाद वायुसेना का 'आक्रमण', एक्शन में दिखी नौसेना
 
जम्मू का रेलवे स्टेशन भी 2 हमलों को झेल चुका : ऐसा ही हाल अन्य धार्मिक स्थानों का भी है। जम्मू का रेलवे स्टेशन भी 2 हमलों को झेल चुका है। हालांकि लोगों की आस्था कम तो नहीं हुई, मगर दहशत और आतंक का साम्राज्य जरूर पुन: फैल रहा है। ऐसा ही साम्राज्य कश्मीर घाटी में प्रतिदिन उस समय फैलता है, जब कारों में बमों को लेकर घूमते आतंकवादियों के प्रति खबरें फैलती हैं।ALSO READ: पहलगाम हमले के बाद रेलवे का बड़ा फैसला, पर्यटकों के लिए जम्मू एवं कटरा से चलाई स्पेशल ट्रेन
 
कार-बम की अफवाहों से लोग परेशान : आतंकी हमलों के बाद कश्मीर घाटी परेशान है, क्योंकि नरसंहार हमले के बाद ऐसी अफवाहें उड़ रही हैं कि कुछ कारें चोरी चली गई हैं जिनका इस्तेमाल आतंकियों द्वारा कार-बम के रूप में किया जा सकता है। कोई भी इन अफवाहों को हल्के तौर पर इसलिए नहीं लेना चाहता, क्योंकि अभी तक कश्मीर 35 सालों में 200 के करीब कार बम हमलों को सहन कर चुका है और इनमें सैकड़ों की जानें जा चुकी हैं।
 
अतीत में तो हालत तो यह रहे हैं कि एम्बेसेडर तथा मारुति कारें मौत के परकाले दिखने लगती थीं और किसी में अगर लाल बत्ती लगी हो तो डर खतरे के निशान से ऊपर इसलिए पहुंच जाता था, क्योंकि आतंकवादियों द्वारा कार बमों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अधिकतर कारों पर ऐसी ही लाल बत्तियां नजर आई थीं। स्थिति नियंत्रण में नहीं कही जा रही है। अधिकारी मानते हैं कि सुरक्षाबलों की कामयाबियों ने आतंकवादियों के जो पांव उखाड़े हैं उन्हें पुन: जमाने के लिए वे एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं और इसी जोर के तहत वे जहां मौका मिले, उसे चूकने नहीं देना चाहते।ALSO READ: पहलगाम अटैक को लेकर जौनपुर की मॉडल का सनसनीखेज खुलासा, खच्चर वालों के भेष में थे आतंकी
 
माहौल को दहशतजदा करने में वे अफवाहें अहम भूमिका निभा रही हैं जिनमें प्रदेश के अनेक स्थानों पर संदिग्ध आतंकियों को देखे जाने की चर्चाएं हैं। प्रदेश के प्रत्येक मुख्य कस्बे में आतंकियों को देखे जाने की सूचनाएं मिलने पर सुरक्षाबलों को कसरत करनी ही पड़ रही है। यह बात अलग है कि उनके हाथ कुछ नहीं लग रहा है, क्योंकि पाकिस्तान अपने मनोवैज्ञानिक युद्ध में आगे निकलने की कोशिश में है।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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