क्या आज 65 सालों बाद आर्टिकल 35A से आजाद होगा जम्मू-कश्मीर?

विकास सिंह
जम्मू-कश्मीर को लेकर दिल्ली में सियासी हलचल तेज है। आज अचानक बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा नीतिगत फैसला ले सकती है। सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के बारे में बड़ा नीतिगत फैसला लेते हुए उसको मिले स्पेशल दर्जे को भी खत्म करने जा रही है।
 
इसके साथ ही आज संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृहमंत्री अमित शाह नई सरकार की नई कश्मीर नीति के बारे में बयान भी दे सकते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 और धारा 35A दोनों को खत्म करेगी या सिर्फ 35A के तहत मिले विशेष दर्जे को। संभावना इस बात की ज्यादा है कि मोदी सरकार अनुच्छेद 35A को आज खत्म करने का नीतिगत फैसला लेने जा रही है।

कैसे खत्म होगा अनुच्छेद 35A : वर्तमान परिस्थितियों में मोदी सरकार आसानी से जम्मू-कश्मीर के बारे में संविधान के विशेष उपबंध अनुच्छेद 35A को खत्म कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के तहत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A को लागू किया गया था, इसलिए कानूनी और संवैधानिक नजरिए से इसे राष्ट्रपति के आदेश से ही हटाया जा सकता है, केवल शर्त इस बात की है कि इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति होनी चाहिए। 
 
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वे आगे कहते हैं कि इस वक्त जम्मू-कश्मीर में चूंकि राज्यपाल शासन है, इसलिए केंद्र सरकार राज्यपाल की सहमति से अनुच्छेद 35A को हटा सकती है। वेबदुनिया से बातचीत में सुभाष कश्यप कहते हैं कि 35A को हटाने को लेकर संवैधानिक तौर पर कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसको हटाया जाना चाहिए या नहीं या कब हटाया जाना चाहिए यह एक राजनीतिक और नीतिगत निर्णय है। ऐसे में आज जम्मू-कश्मीर के बारे में आज मोदी सरकार कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।
 
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अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने की तैयारी : संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का शर्तों के साथ भारत के साथ विलय किया गया था, इसलिए संविधान के इस अनुच्छेद को कैसे खत्म किया जा सकता है, इस सवाल पर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक लाना पड़ेगा और वह भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति के बाद। ऐसे में अभी जब जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन है तो इसे करना इतना आसान नहीं होगा। ऐसे में कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार आर्टिकल 35A को खत्म कर धारा 370 के प्रभाव को बहुत कुछ कम कर देगी।

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