पीसीआर श्रीनगर में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीजीपी ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि बरामद विस्फोटक सामग्री को कश्मीर ले जाया गया और नौगाम पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में सुरक्षित रूप से रखा गया।
उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत, बरामद सामग्री के नमूनों को आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जाना था। बरामदगी की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण, यह प्रक्रिया कल से ही चल रही थी।
उन्होंने आगे कहा कि बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, नमूना लेने की प्रक्रिया अत्यंत सावधानी से की जा रही थी, हालांकि, दुर्भाग्य से रात 11:20 बजे आकस्मिक विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि इस घटना के कारणों के बारे में कोई और अटकलें लगाना अनावश्यक है।
उन्होंने कहा कि इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक राज्य जांच एजेंसी अधिकारी, 3 एफएसएल सदस्य, 2 फोटोग्राफ़र, 2 राजस्व अधिकारी और एक दर्जी शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा, इस घटना में 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी और आस-पास के इलाकों के 3 नागरिक घायल हुए हैं। घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया।
डीजीपी ने यह भी कहा कि पुलिस थाने की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है और आस-पास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जम्मूकश्मीर पुलिस दुख की इस घड़ी में परिवारों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि नौगाम पुलिस स्टेशन की एफआईआर संख्या 162, वर्ष 2025 की जांच के दौरान, फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, रसायन और अभिकर्मक भी बरामद किए गए। बरामदगी के नमूनों को आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जाना था। बरामदगी की मात्रा को देखते हुए, यह प्रक्रिया पिछले दो दिनों से चल रही थी, यानी कल और परसों एफएसएल टीम द्वारा।
उन्होंने कहा इस नुकसान की सीमा का पता लगाया जा रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की जांच की जा रही है। जम्मू कश्मीर पुलिस इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
edited by : Nrapendra Gupta