जम्मू-कश्मीर में हलचल तेज हो गई है और कई नेताओं को नजरबंद करने की खबर है। मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक भी आज होने वाली है। कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। श्रीनगर में 5 अगस्त से धारा-144 लगा दी गई है, जो अगले आदेश तक लागू रहेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार कोई बड़ा नीतिगत फैसला ले सकती है। इसी बीच महबूबा मुफ्ती को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की याद आई।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी का नेता होने के बाद भी अटलबिहारी वाजपेयी कश्मीरियों के साथ सहानुभूति रखी। आज उनकी कमी को हम सबसे ज्यादा महसूस कर रहे हैं।
पीडीपी नेता ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा कि जो लोग कश्मीर की स्थिति वे केंद्र सरकार की एकतरफा कार्रवाई के दूरगामी परिणामों से अनजान है।
इससे पहले महबूबा ने ट्वीट कर कहा कि 'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जो शांति के लिए लड़े थे, घर में नजरबंद है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है। वह कश्मीर जिसने एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को चुना था, अकल्पनीय उत्पीड़न का सामना कर रहा है। जागो भारत जागो। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने नजरबंद होने का दावा किया है।
उमर अब्दुल्ला के अलावा महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन को भी नजरबंद कर दिया गया है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि मुझे लगता है कि आज आधी रात से मुझे नजरबंद किया गया है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी ये प्रक्रिया शुरू हो गई है।