कश्मीर में आतंकियों की ढाल बन रहे हैं पत्थरबाज

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। पुलवामा के बामनू में पिछले 36 घंटों से जारी मुठभेड़ को फिलहाल खत्म नहीं माना गया है क्योंकि तीन आतंकियों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा मुठभेड़ स्थल की तलाशी लेने में बाधा उत्पन्न करने के कारण उन दो आतंकियों के शवों को नहीं निकाला जा सका था, जिनके प्रति आशंका है कि वे अभी भी मलबे में दफन हैं। इतना जरूर था कि इन आतंकियों को नेस्तनाबूद करने की खातिर चार मकानों को मोर्टार और मिसाइलों से उड़ा देना पड़ा।
 
बता दें कि करीब 36 घंटे तक जारी रही इस मुठभेड़ में सेना के एक मेजर और सीआरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर समेत चार सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हुए हैं। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों को बचाने के लिए उनके समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर भीषण पथराव करते हुए जवानों से मारपीट का प्रयास भी किया था। इस दौरान सुरक्षाबलों व राष्ट्रविरोधी तत्वों के बीच हुई हिंसक झड़पों में सात सुरक्षाकर्मियों समेत 18 लोग भी जख्मी हुए थे।
 
सुरक्षाबलों ने कई हथियार भी बरामद किए हैं। यह इलाका पुलवामा जिले के अंतर्गत आता है। 12 आरआर रेजीमेंट के कमांडर हरबीरसिंह के मुताबिक, हमले वाली जगह पर कुछ और आतंकियों के छुपे होने की आशंका है जिसकी वजह से सर्च ऑपरेशन अभी भी चल रहा है। बामनू में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच अब भी रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। भारतीय सेना के 12 आरआर रेजीमेंट के कमांडर हरबीरसिंह के मुताबिक, 3 आतंकियों के शव और 3 हथियार बरामद किए गए हैं। मारे गए तीन आतंकियों में दो की पहचान हो गई है जबकि तीसरे की पहचान होना अभी बाकी है।
 
रविवार की रात को पुलवामा जिले में आतंकियों के छिपे होने की सूचने मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसी सर्च अभियान के दौरान बामनू आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी थी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि दो आतंकी गत सुबह ही मारे गए थे, लेकिन तीसरा आतंकी जो लगातार अपनी पोजीशन बदल रहा था, आज सुबह ही मारा गया। उसके साथ एक या दो और आतंकी थे, लेकिन उनका अभी कोई सुराग नहीं मिला है। हो सकता है कि वह भाग निकले हों या मलबे का ढेर बने मकान के नीचे दब गए हों।
 
सेना के जवानों ने सोमवार की सुबह सात बजे के करीब बामनू गांव में छिपे आतंकियों को पकड़ने के लिए उनके ठिकाने पर छापा मारा। एक आतंकी मुठभेड़ शुरु होने के कुछ ही देर बाद मारा गया था जबकि दूसरा आतंकी नौ बजे मारा गया था, लेकिन तीसरे आतंकी को मार गिराने से पहले ही समर्थक भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया था। इससे तीसरे आतंकी को अपने लिए सुरिक्षत पोजीशन लेने का मौका मिल गया था।
 
मुठभेड़ शुरू होते ही मुठभेड़ वाली जगह पर भारी भीड़ का जमा हो गई, इनमें से कुछ शरारती तत्वों ने पथराव भी करना शुरू कर दिया है। ऐसे में अगर सुरक्षाबल अपना तलाशी अभियान जारी रखते हैं तो उन्हें गोली चलानी पड़ती और शायद कुछ लोग घायल होते या फिर मर जाते। बावजूद करीब 20 आम लोग घायल हो। मारे गए तीन आतंकियों में से एक विदेशी और दो स्थानीय हैं। मारे गए दोनों आतंकी में से एक किफायत है और दूसरा जहांगीर है। इस कार्रवाई में सेना के एक मेजर सहित पांच जवान घायल हुए हैं। इसके अलावा पुलिस का एक और सीआरपीएफ के अफसर भी घायल हुए हैं।
 
इस बीच उत्तरी कश्मीर के अजस, बांदीपोरा में मंगलवार की सुबह आतंकियों ने सुरक्षाबलों की एक रोड ओपनिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला किया। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। इस पर आतंकी वहां से जान बचाते हुए निकटवर्ती बस्ती में शामिल हो गए। सुरक्षाबलों ने हमलावर आतंकियों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
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