Janata Dal United's statement regarding the central government : जनता दल (यूनाइटेड) ने शुक्रवार को कहा कि जब भी केंद्र सरकार द्वारा पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों में कटौती का मुद्दा विपक्ष की ओर से उठाया जाता है तो भारतीय जनता पार्टी सनातन धर्म का मुद्दा उठाती है, क्योंकि वह 'मनुस्मृति' के अनुसार देश पर शासन करने के 'गुप्त एजेंडे' पर काम कर रही है।
जद (यू) ने यहां अपनी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा कि देश आजादी के बाद के 'सबसे कठिन' दौर से गुजर रहा है, क्योंकि भाजपा-नीत केंद्र सरकार 'तानाशाही' की ओर बढ़ रही है। पार्टी ने कहा, समाज में भय, घृणा और उन्माद पैदा किया जा रहा है। राजनीति ने छल और बदले का रूप लेना शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया कि यह सब केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के कारनामों का नतीजा है। उसने कहा, यह हमारे लोकतंत्र और संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा है। केंद्र सरकार तानाशाही की ओर बढ़ रही है। देश की संवैधानिक संस्थाओं और संघीय ढांचे को कमजोर किया जा रहा है।
पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा-नीत केंद्र सरकार लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है और समस्याओं से आम लोगों का ध्यान भटकाने के लिए झूठे नारे लगा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आरोप लगाया, ऐसे समय में जब पूरा विपक्ष बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बचाने की बात कर रहा है, भाजपा सनातन का मुद्दा उठा रही है।
प्रस्ताव में पार्टी ने कहा, हम सभी सनातन संस्कृति, मूल्यों, परंपराओं और उसके आदर्शों का सम्मान करते हैं। इस पर कहीं कोई विरोध नहीं है, लेकिन जब हम भाजपा सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों में कटौती का मुद्दा उठाते हैं, तो अचानक उन्हें सनातन की याद आती है। पार्टी ने कहा कि वास्तविकता यह है कि भाजपा ने सनातन की आड़ में 'मनुस्मृति' को छिपा रखा है।
प्रस्ताव में आरोप लगाया गया, वे चाहते हैं कि भारत पर बाबा साहेब के संविधान के आधार पर शासन नहीं होना चाहिए, बल्कि शासन और सामाजिक व्यवस्था 'मनुस्मृति' के आधार पर संचालित होनी चाहिए। यह भाजपा का गुप्त एजेंडा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour