उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से जाट समुदाय भाजपा से नाराज, उठाना पड़ेगा भारी नुकसान?

विकास सिंह
बुधवार, 23 जुलाई 2025 (13:32 IST)
उपराष्ट्रपति पद से जाट समुदाय से आने वाले जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से एक बार भाजपा पर जाट समुदाय  के नेताओं के अपमान का आरोप लग रहा है। जगदीप धनखड़ से पहले जाट समुदाय से आने वाले सत्यपाल मलिका को लेकर भी भाजपा पर जाट समुदाय की अनदेखी और अपमान करने का आरोप लगा था। इसके साथ ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जिस तरह से जाट नेताओं ने किसान आंदोलन का नेतृत्व कर सरकार की जमकर किरकिरी कराई थी, वह भी यह बताती है कि जाटों को साधने में भाजपा को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
ALSO READ: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की आखिर क्या थी असली वजह?
कांग्रेस के साथ ही जाट समुदाय से आने वाले किसान नेता राकेश टिकैत ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। राकेश टिकैत ने स्वास्थ्य कारणों से धनखड़ के इस्तीफे की वजह को सिरे से ही खारिज कर दिया। उन्होंने धनखड़ के इस्तीफे के पीछे राजनीतिक दबाव को बड़ा कारण बताया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से दिए इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए जाट समाज की मानसिकता और परंपरा का हवाला देते हुए कहा कि जाट न तो आसानी से अपनी जमीन छोड़ता है और न ही अपना पद। मरते वक्त भी जाट चारपाई पर रहता है और जमीन अपने बच्चों के नाम कर के ही आंखें बंद करता है। ऐसे में यह नहीं माना जा सकता कि धनखड़ ने खुद से पद छोड़ा होगा। 

किसानों का मुद्दा उठाना धनखड़ को पड़ा भारी?-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की वजह किसान आंदोलन और किसानों को लेकर उनकी नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले साल दिसंबर के महीने में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंच पर मौजूद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसान आंदोलन को लेकर सवाल पूछते हुए कहा कि कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये, क्या किसान से वादा किया गया था, किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया, वादा निभाने के लिए हम क्या करें हैं, गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे है,जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है, किसान अकेला है जो असहाय है।

भाजपा की जाट राजनीति पर असर-पहले किसान आंदोलन और अब जाट नेता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक दिए इस्तीफे का असर भाजपा की जाट राजनीति पर भी पड़ेगा। राजस्थान, हरियाणा के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय भाजपा से लंबे समय से नाराज चल रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजापा को राजस्थान में जिन 6 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा उसमें चुरू, झुंझुनू और सीकर लोकसभा क्षेत्र मे जाट समुदाय काफी प्रभावी माना जाता  है। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट समुदाय के बाहुल्य वाली सीट पर भाजपा को जाटों की नारजगी का सामना करना पड़ा और संजीव बालियान जैसे दिग्गज नेता को हार का मुंह देखना पड़ा वहीं । वहीं हरियाणा में जाट समुदाय के बाहुल्य वाली अंबाला, सिरसा, हिसार, सोनीपत और रोहतक जैसी सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

राजस्थान में जाट समुदाय के किसान परिवार से आने वाले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस ने भाजपा पर जाट समुदाय से आने वाले नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया है। राजस्थान प्रदेशन कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को किसान समुदाय के सम्मान से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा में किसानों और उनके बेटों के लिए कोई जगह नहीं है। भाजपा में केवल यूज एंड थ्रो की नीति चलती है। धनखड़ साहब जैसे लोग, जो अपनी बात स्पष्ट रूप से रखते हैं, उन्हें हाईकमान बर्दाश्त नहीं करता। भाजपा ने किसान कौम यानी जाटों की लगातार अनदेखी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद बीजेपी में जाट नेतृत्व पूरी तरह गायब हो गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Apache Attack Helicopter : 60 सेकंड में दुश्मनों के 128 मूविंग टार्गेट्स पर सटीक वार, भारतीय सेना को मिले 3 अपाचे हेलीकॉप्टर, जानिए खूबियां

अब कब होगा Vice President का चुनाव, क्‍या है पूरी प्रक्रिया और जानिए क्‍या है इस पद के लिए योग्‍यता?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की आखिर क्या थी असली वजह?

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से उठे कई सवाल, दबाव या स्वेच्छा?

खराब खाने, जाति सूचक शब्दों के प्रयोग के विरोध में 170 छात्रों ने किया अनोखा प्रदर्शन, प्रिंसिपल को हटाया

सभी देखें

नवीनतम

युवाओं और बहनों के रोजगार के लिए राज्य सरकार संकल्पित : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: दैवीय हस्तक्षेप या राजनीतिक विवशता?

पीएम मोदी ब्रिटेन और मालदीव की 4 दिवसीय यात्रा पर रवाना, अनेक मुद्दों पर होगी बातचीत

राहुल ने पीएम पद ठुकराया था, मनमोहन सिंह ने किया था ऑफर, सांसद पप्पू यादव का सनसनीखेज खुलासा

SIR पर राहुल गांधी बोले, हिंदुस्तान में चुनाव की चोरी, हम संसद से सड़क तक लड़ेंगे

अगला लेख