जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने पाकिस्तान पर अपने भाड़े के सैनिकों के जरिए यहां का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने का गुरुवार को आरोप लगाया और कहा कि भारतीय सेना दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
स्वैन ने 'दुश्मन एजेंटों' को चेतावनी दी कि वे आतंकवाद का समर्थन करने के अपने फैसले पर पछताएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके (ऐसे एजेंटों के) पास परिवार, जमीन और नौकरियां हैं, जबकि पाकिस्तानी आतंकवादियों के पास खोने के लिए कुछ नहीं है।
आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार जगहों पर हमले किये, जिसमें शिव खोरी मंदिर से लौट रहे सात तीर्थयात्रियों और एक सीआरपीएफ जवान सहित नौ लोगों की मौत हो गई और सात सुरक्षाकर्मी एवं कई घायल हो गए।
कठुआ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए और उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
डीजीपी ने रियासी जिले में संवाददाताओं से कहा, "(जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का) प्रारंभिक बिंदु सीमा पार है। विरोधी पक्ष का स्पष्ट इरादा यह है कि यदि वे कश्मीर में शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने के लिए स्थानीय लोगों को विध्वंसक गतिविधियों के लिए प्रेरित नहीं कर सकते, तो पाकिस्तानियों को वहां भेजकर उनकी भर्ती करें और उन्हें जबरन इस दिशा में धकेलें।
पुलिस प्रमुख गुरुवार को प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर कटरा में थे। उन्होंने जिले में सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसी जिले के शिवखोरी में आतंकवादियों ने रविवार शाम को एक बस पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग मारे गए और 41 घायल हो गए।
इस बैठक में अन्य लोगों के अलावा रियासी के पुलिस उपायुक्त विशेष पॉल महाजन, उधमपुर-रियासी रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक रईस मोहम्मद भट और रियासी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहिता शर्मा शामिल हुए।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि दुश्मनों के एजेंट पैसे और नशीले पदार्थों के लिए ऐसा (विदेशी आतंकवादियों की मदद) कर रहे हैं। उनकी पहचान की जाएगी और उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। हम उन्हें चेतावनी देना चाहते हैं कि (विदेशी) आतंकवादी मारे जाएंगे... लेकिन जो लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, उन्हें पछताना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि विदेशी आतंकवादियों के पास कोई नहीं है, चाहे उनके बच्चे हों या नहीं। उन्होंने कहा, हमें नहीं पता कि वे जेलों से उठाकर किसे यहां भेज रहे हैं, लेकिन जो लोग उनका (आतंकवादियों का) यहां समर्थन कर रहे हैं, उनके पास यहां जमीन, बच्चे और नौकरियां हैं और उन्हें नुकसान उठाना होगा।
स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के बीहड़ इलाकों का इस्तेमाल करना चाहता है ताकि वह विदेशी आतंकवादियों को जंगलों में भेजकर शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ सके। उन्होंने कहा कि यही सच है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल शांति बनाए रखने और जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित और वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा, हमारा जवाब क्या होगा? हम छोटे नुकसान के लिए तैयार हैं, क्योंकि जब हम पर युद्ध थोपा जाता है और आतंकवादी हमें मारने या मरने के लिए हमारे सामने खड़े होते हैं, तो हम अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं और हमारा प्रयास मुंहतोड़ जवाब देना होता है। चूंकि उनके पास परवाह करने वाला कोई नहीं है, इसलिए नुकसान पहुंचाने की उनकी शक्ति अधिक प्रतीत होती है।"
उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने 1995 में जम्मू क्षेत्र, खासकर डोडा और रामबन में अपने पैर पसारे, लेकिन 2005 तक यह पूरी तरह से खत्म हो गया। उन्होंने कहा, "अगर हम इसी तरह की चुनौती का सामना करते हैं, तो निश्चिंत रहें कि हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए उन्हें एक-एक करके मारने के लिए प्रतिबद्ध और वचनबद्ध हैं।" इनपुट भाषा