खतरे में जोशीमठ, भारी पड़ी विशेषज्ञों की चेतावनी की अनदेखी

एन. पांडेय
रविवार, 8 जनवरी 2023 (10:31 IST)
जोशीमठ। सैकड़ों मकानों और जमीन में पड़ी दरारों ने अध्यात्म और पर्यावरण के लिए ख्यात जोशीमठ शहर को डरावना रूप दे दिया है। जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। अपने अस्तित्व से जूझता आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित जोशीमठ दिनों दिन पृथ्वी के गर्भ में समा रहा है। राज्य ने अपने आपदा प्रबंधन विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है।

ALSO READ: क्या राष्ट्रीय आपदा है जोशीमठ संकट? क्या होती है राष्‍ट्रीय आपदा?
साल 2013 में उत्तराखंड में आई तबाही ने भी इस पूरे क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर किया था। लेकिन लोग चेतावनी के बाद भी नहीं माने। सरकार भी इस मामले में उदासीन रही।
 
अपने जीवन भर की मेहनत की कमाई को अपने घर बार और मकान में लगाने के बाद आज यहां के निवासी यह सोचने को विवश हैं कि आखिर अब जाएं तो जायें कहां। पौष माह की सर्द रातों में उनकी आंखों से नींद गायब है। हालात ये हैं की वे अपने ही बनाये आशियाने में घिसने से खौफ खा रहे हैं। दिन रात अब लोग भगवान बद्रीविशाल से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी भी तरह उनके इस शहर को भगवान सुरक्षित रखे।

ALSO READ: 800 घरों पर मंडरा रहा है खतरा, सैन्य छावनियां भी संकट में, जानिए भारत के लिए क्यों खास है जोशीमठ
भू-धंसाव से जोशीमठ के गांधी नगर, मारवाड़ी, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर, सिंह धार, मनोहर बाग, अपर बाजार डाडों, सुनील, परसारी, रविग्राम, जेपी कॉलोनी, विष्णुप्रयाग, क्षेत्र नाजुक स्थिति में पहुंच गए हैं। जिस तेजी से यह भू धसाव अन्य जगहों में पसरता जा रहा है उससे लोग यह सोचने को मजबूर हो गए हैं कि कहीं इस पौराणिक, सामरिक और पर्यावरणीय महत्व के शहर का भूगोल ही नहीं इतिहास भी सदा के लिए इतिहास के पन्नों में सिमट कर न रह जाए।
 
विख्यात स्विश भूवैज्ञानिक अर्नोल्ड हीम और सहयोगी ऑगस्टो गैस्टर ने सन् 1936 में मध्य हिमालय की भूगर्भीय संरचना पर पहला अभियान चलाया था। साल 1938 में आए उनके यात्रा वृतांत ”द थ्रोन ऑफ द गॉड और शोध ग्रन्थ” सेन्ट्रल हिमालय जियॉलॉजिकल आबजर्वेशन्स ऑफ द स्विश एक्सपीडिशन 1936 में टैक्टोनिक दरार, मेन बाउंड्री थ्रस्ट (MCT) की मौजूदगी को भी चिन्हित किया गया था।
 
इन अध्ययनों में उन्होंने चमोली जिले के हेलंग से लेकर तपोवन क्षेत्र के हिस्से को भूगर्भीय लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील बताया था। भू धसाव से कराहता जोशीमठ तपोवन और हेलंग के ही बीच में स्थित है। साल 2013 में आई आपदा के बाद भी शासन प्रशासन और स्थानीय जनता ने भविष्य के खतरों को नजरअंदाज करके जोशीमठ को आज की इस विकराल स्थिति में झोंक डाला। जबकि जाने माने भूगर्भविद और इसकी सुरक्षा के लिए बनी कमेटी इसकी चेतावनी पहले ही दे चुकी थी।
 
जोशीमठ चिपको नेत्री गौरा देवी की भी कर्मस्थली है। पंच प्रयाग में से प्रथम प्रयाग धौलीगंगा और अलकनंदा का संगम विष्णुप्रयाग भी यहीं स्थित है। भगवान बद्री विशाल का शीतकालीन गद्दी की भी पूजा यहीं पौराणिक नृसिंह मंदिर में 6 महीने तक होती रही है।
 
प्रतिवर्ष बद्री विशाल के कपाट खुलने से पहले पौराणिक तिमुंडिया मेला भी यहीं होता है। कालांतर में जोशीमठ गढ़वाल के कत्यूरी राजवंश की राजधानी भी रहा। भू धंसाव से शहर के वजूद को खतरे के चलते यहां के लोगों की आंखों से बह रही अविरल आंसुओ की धारा इसकी दारुण पीड़ा को व्यक्त करने को काफी है।
 
भूगर्भीय रूप से अति संवेदनशील जोन-5 के अंतर्गत आने वाला जोशीमठ 1970 की धौली गंगा में आई बाढ़ से पाताल गंगा, हेलंग से लेकर ढाक नाला तक के बड़े भू-भाग को भी हिलते देख चुका है। साल 2013 की केदारनाथ आपदा और फरवरी 2021 की रैणी आपदा भी इस शहर ने करीब से देखी है और महसूस भी की। कहीं न कहीं इन्ही घटनाओं ने जोशीमठ के बेस यानी नदी किनारे कटाव बढ़ने से भी भूस्खलन को बढावा देकर आज उसकी ये हालत कर डाली है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

फाइटर जेट्स की डिलीवरी में देरी पर एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह क्यों हुए चिंतित, किस बात को लेकर जताई निराशा

LLB की पढ़ाई करना चाहती है कातिल मुस्कान, वकील बनकर लड़ेगी खुद का मुकदमा, जेल प्रशासन को लिखा पत्र

POK कब बनेगा भारत का हिस्सा, जानिए सटीक भविष्यवाणी

ड्रोन, स्‍नीफर डॉग फिर भी नहीं ढूंढ पा रही मेघालय पुलिस, रहस्‍यमयी तरीके से कहां गायब हुआ इंदौरी कपल?

किसने डिजाइन किया है 'ऑपरेशन सिंदूर' का logo? सेना ने बताए किसके नाम और क्या है लोगो का संदेश

सभी देखें

नवीनतम

Weather Update: दिल्ली NCR में तेज बारिश की संभावना, राजस्थान में लू का अलर्ट

Operation Sindoor: कोलंबिया से नाराज हैं शशि थरूर, क्या है इसका पाकिस्तान कनेक्शन?

LIVE: बिहार को 48520 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे पीएम मोदी, पुंछ जाएंगे अमित शाह

5 छोटी अमेरिकी कंपनियों ने हिला दिए ट्रंप के टैरिफ

भाजपा विधायक ने वायरल वीडियो को बताया फर्जी, नहीं किया सशस्त्र बलों का अपमान

अगला लेख