मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से खासा सक्रिय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में धमाकेदार वापसी की है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के एक साल बाद भी सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल के लिए और मंत्रियों के कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने की लगातार शिकायत के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया है।
कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय कमेटी में मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ पार्टी महाचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी शामिल किया गया है। इसके साथ समिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, कैबिनेट मिनिस्टर जीतू पटवारी और मीनाक्षी नटराजन को भी शामिल किया गया है।
इसके साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में घोषणा पत्र लागू करवाने के लिए भी समिति का भी गठन किया है। जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और अर्जुन मोढ़वाडिया सदस्य होंगे।
दिसंबर 2018 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है कि जब सिंधिया को किसी अहम समिति में शामिल किया गया है। इससे पहले सिंधिया लगातार लोगों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर खासा चर्चा में रहे। पिछले दिनों भोपाल के चार दिनों के दौरे पर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रदेश सरकार के मंत्रियों के घर पहुंचना और उनके साथ डिनर करने के बाद प्रदेश की सियासत गर्म थी। भोपाल के मैराथन दौर के दौरान जब मीडिया ने सिंधिया से मध्य प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर सवाल पूछा था तो उन्होंने साफ कहा था कि प्रदेश के विकसा के लिए अभी तक उनसे कोई चर्चा नहीं की गई है जब इस बारे में पूछा जाएगा तो वे अपनी राय जरुर देंगे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि सरकार और संगठन में बेहतर समन्वय के लिए सिंधिया जी जैसे वरिष्ठ राजनेताओं को शामिल करने से वचन पत्र का पालन और अधिक मजबूती के साथ होगा। वह कहते हैं कि हमेशा लोकतंत्र में किसी भी दल की सरकार होने पर संगठन हमेशा मार्गदर्शन और मॉनिरिटिंग करता रहे तो उसके लाभ हमेशा होते है और सिंधिया जी जैसे परिपक्व और वरिष्ठ राजनेता का समन्वय समिति में होने से निश्चित ही कांग्रेस को लाभ मिलेगा। वहीं सिंधिया की वापसी के सवाल पर पंकज चतुर्वेदी कहते हैं कि सिंधिया जी प्रदेश से कहीं गए ही नहीं थे और वह लगातार प्रदेश के अलग अंचलों का दौरा कर सीधे कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे।