मुंबई, कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को हाल ही में सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है, उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है। लेकिन उनके आते ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें एक काम सौंप दिया है।
उन्हें हवाई अड्डों के नामकरण और नाम बदलने के लिए एक नई राष्ट्रव्यापी नीति तैयार करने के लिए कहा गया है।
अदालत ने ASG अनिल से कहा, 'यदि कोई नई नीति अभी भी मसौदा चरण में है, तो इसे अभी करें। अब आपके पास मंत्रियों का एक नया समूह है। यह नए उड्डयन मंत्रालय का काम है। नए उड्डयन मंत्री का यह पहला काम होना चाहिए'
बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने यह टिप्पणी की। न्यायाधीशों ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। यह पीआईएल वकील फिल्जी फ्रेडरिक ने दायर की है।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा, 'हम ड्राफ्ट पॉलिसी की वर्तमान स्थिति जानना चाहेंगे। हमने पिछले महीने राज्य सरकार को यह काम सौंपा था क्योंकि लगभग 25,000 लोगों के साथ COVID-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाली एक सभा थी। हमें इसकी अनुमति क्यों देनी चाहिए?'
दरअसल अदालत 24 जून को जमा हुई एक भीड़ का जिक्र कर रही थी, जिसमें मांग की गई थी कि नवी मुंबई में आगामी हवाई अड्डे का नाम दिवंगत सांसद डीबी पाटिल के नाम पर रखा जाए, जिन्होंने परियोजना प्रभावित लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी।