क्या कश्मीर में कभी भी आ सकता 9 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप...

सुरेश एस डुग्गर
शुक्रवार, 24 मार्च 2023 (07:54 IST)
जम्मू। 2 दिन पहले उत्तर भारत में आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूकंप ने लोगों के जेहन 2005 में आए भूकंप की भयानक यादें ताजा कर दी। साथ ही उन चेतावनियों की ओर एक बार फिर ध्यान आकर्षित किया है जिनमें कहा जाता रहा है कि कश्मीर में 9 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप कभी भी आ सकता है। दरअसल कश्मीर भी, एक ऐसा क्षेत्र है जो भूकंपीय क्षेत्र जोन 5 के अंतर्गत आता है।

ALSO READ: Earthquake in India: 1000 साल बाद हिमालय क्षेत्र में आता है शक्तिशाली भूकंप, आ चुका है अब वह समय
दरअसल वर्ष 2007 में, अमेरिका के बोल्डर में कोलोराडो विश्वविद्यालय के सहयोग से कश्मीर विश्वविद्यालय द्वारा किए गए भूभौतिकीय अनुसंधान ने चेतावनी दी थी कि 9.0 तीव्रता का संभावित भूकंप संभावित रूप से कश्मीर घाटी को प्रभावित कर सकता है। 2 दिन पहले भारत के उत्तरी हिस्सों को हिला देने वाले भूकंप ने घाटी के लोगों को वर्ष 2005 में आए भूकंप की याद दिला दी जिसमें कई लोग मारे गए थे।
 
वर्ष 2007 के अध्ययन के अनुसार, ऐसी संभावना है कि 8.5 तीव्रता से ऊपर के रिक्टर पैमाने पर भूकंप कश्मीर घाटी में आ सकता है। ऐसे में कश्मीर क्षेत्र में हाल के भूकंप ने एक बार फिर क्षेत्र में भूकंप आपदा तैयारियों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
 
यह सच है कि कश्मीर एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है और कश्मीर में विनाशकारी भूकंपों का इतिहास रहा है, और फिर भी सच्चाई यह है कि कश्मीर ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं है।
 
कश्मीर में आया भूकंप, भूकंप की तैयारी की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ साथ नागरिकों के लिए एक वेक-अप काल था इससे कोई इंकार नहीं करता है। यह समझना आवश्यक है कि भूकंप अप्रत्याशित होते हैं, और उनके प्रभाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका तैयार रहना ही है।
 
एक मौसम चैनल चलाने वाले कश्मीर के स्वतंत्र मौसम पर्यवेक्षक फैजल आरिफ के बकौल, कश्मीर घाटी क्षेत्र एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, और लोगों ने अतीत में विनाशकारी भूकंपों का अनुभव किया है। उसका कहना था कि उनके अपने क्षेत्र में इसी तरह की त्रासदी होने की आशंका ने कई लोगों को किसी भी भूकंपीय गतिविधि के प्रति अधिक संवेदनशील और प्रतिक्रियाशील बना दिया है। वे कहते थे कि इसके अतिरिक्त, मीडिया में तुर्की भूकंप के निरंतर कवरेज ने विश्व स्तर पर लोगों में आशंका और चिंता की भावना पैदा की है, जिसने कश्मीर क्षेत्र में घबराहट और भय को बढ़ाया है।
 
जानकारी के लिए नेशनल सेंटर फार सीस्मोलाजी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में, कश्मीर ने भूकंप के लगभग 100 झटके झेले हैं और इनमें से कुछेक का केंद्र श्रीनगर के पास था। इस्लामिक यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के वाइस-चांसलर शकील रोमशू ने तुर्की आपदा को भारतीय हिमालय में भूकंपों की भेद्यता को दूर करने के लिए एक वेक-अप काल करार दिया है और चेताया है कि इन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

नवीनतम

इंदौर से लेकर कोलंबो तक, जानिए कहां कहां होंगे ICC महिला वनडे विश्व कप 2025 के मुकाबले

BSE का नया APP बनेगा आपका दोस्त, Free मिलेगी investment की ट्रेंनिंग

Realme C73 5G लॉन्च, सस्ती कीमत में महंगे फोन के फीचर्स

मिस वर्ल्ड ओपल सुचाता अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन को हैं उत्सुक, जानिए थाईलैंड की रामायण 'रामकियेन' के बारे में

Seat Accessible Forecast feature, कन्फर्म सीटें खत्म होने से पहले कर सकेंगे बुक, आसान होगी आपकी रेलयात्रा

अगला लेख