बदलता मौसम जानलेवा साबित हो रहा है कश्मीर में

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। राज्य के पहाड़ी इलाकों में ताजा बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हुई बारिश की वजह से अधिकारियों को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग मार्ग कई बार बंद करना पड़ा है। पिछले चार दिनों से यह लगातार बंद है। पीर पंजाल पहाड़ियों पर भारी हिमपात और कुछ इलाकों में भूस्खलन को देखते हुए राजमार्ग बंद करना पड़ा। 
एक यातायात अधिकारी के मुताबिक मौसम साफ होते ही राजमार्ग पर आवागमन जारी कर दिया गया। यह सच है कि बदलता मौसम कश्मीर में जानलेवा साबित हो रहा है और हिमस्खलन व स्नो सुनामी की चेतावनी के बीच कश्मीर की लाइफ लाइन राजमार्ग के बार-बार बंद होने से कश्मीरी परेशान हो उठे हैं।
 
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग कश्मीर घाटी को देश से जोड़ने वाला एकमात्र सड़क मार्ग है। घाटी में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति इसी मार्ग से की जाती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिमपात और बर्फीला तूफान के संबंध में अध्ययन करने वालों को संस्थान (एसएएसई) के आंकड़ों के आधार पर समुद्र से 2500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित इलाकों में मध्यम गति के बर्फीले तूफान की चेतावनी दी गई है। 
 
उन्होंने कहा कि अनंतनाग, बनिहाल, किश्तवाड़, शोपियां, कुलगाम, गुलमर्ग, बारामुल्ला, कुपवाड़ा सहित कई इलाकों में हिमपात के कारण बर्फीला तूफान आने की आशंका बढ़ गई है। उनका कहना था कि कुछ इलाकों में स्नो सुनामी भी आ सकती है। अधिकारी ने कहा कि इन इलाकों में रहने वालों लोगों को रात आठ बजे तक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
 
अधिकारियों ने बताया की मौसम विभाग की ओर से मिलने वाली चेतावनी के मुताबिक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन तथा हिमस्खलन हो सकते हैं। उन्होंने बताया की राज्य में कई इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी की चेतावनी के मुताबिक सबसे अधिक खतरा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर बसने वाले गांवों और कस्बों में है।
 
राज्य प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर ऐसे कई गांवों तथा कस्बों को खाली करवाने के लिए तैयार रहने की भी कवायद आरंभ की है जो जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारों पर बसे हुए हैं। फिलहाल सरकारी तौर पर ऐसे गांवों और कस्बों के नामों को सार्वजनिक इसलिए भी नहीं किया गया है ताकि कहीं अफरातफरी का माहौल पैदा न हो जाए।
 
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारों पर बसे गांवों तथा कस्बों को खाली करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी के साथ ही राज्य सरकार ने पर्यटकों को पत्नीटॉप व सनासर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर जाने से पहले मौसम विभाग की सलाह लेने को कहा है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, राजमार्ग के अवरुद्ध होने की स्थिति में इन स्थानों में जीवनोपयोगी वस्तुओं की कमी महसूस हो सकती है, अतः पर्यटकों से ऐसा आग्रह किया जाता है कि वे कोई खतरा मोल न लें।
 
दरअसल करीब 300 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग में अनेक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। बर्फबारी और बारिश के कारण भूस्खलन की ताजा घटनाएं भी हुई हैं। राजमार्ग बंद होने से अनेक वाहन फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग को साफ करने के लिए कर्मचारी और मशीनें लगीं हुईं हैं। मलबा साफ हो जाने के बाद ही फंसे हुए वाहनों को निकाला जाएगा। इस बीच घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में रातभर बर्फबारी हुई।
 
गुलमर्ग में 10 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई। यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे नौ डिग्री सेल्सियस रहा। पहलगाम में सात सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। यहां का तापमान शून्य से नीचे 6.6 डिग्री दर्ज किया गया। कोकेरनाग का तापमान शून्य से नीचे 0.7 डिग्री रहा। यहां नौ सेमी बर्फबारी हुई। कुपवाड़ा में तापमान शून्य से नीचे 2.8 डिग्री दर्ज किया गया। श्रीनगर में तापमान शून्य से नीचे 0.2 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने सोमवार को घाटी में कहीं-कहीं बारिश अथवा बर्फबारी होने और मंगलवार को मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया है।
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