केजरीवाल और केंद्र में अधिकारों की जंग, फैसला कल...

Webdunia
गुरुवार, 28 मई 2015 (14:30 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र की एक अधिसूचना को संदिग्ध बताया गया है। इस अधिसूचना में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार रोधी शाखा को आपराधिक मामलों में अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका गया था। 
 
केंद्र की याचिका को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल महिंद्र सिंह द्वारा न्यायाधीश ए के सीकरी और न्यायाधीश यू यू ललित की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष लाया गया। सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणियों ने पूर्ण अनिश्चितता पैदा कर दी है और राष्ट्रीय राजधानी में रोजमर्रा के प्रशासन को मुश्किल बना दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच के समीकरण में संतुलन बैठाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए की स्पष्ट व्याख्या जरूरी है।
 
जब पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने सिर्फ ‘संदिग्ध’ शब्द का इस्तेमाल किया है तो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि स्पष्टीकरण जरूरी है।
 
दूसरी ओर आप सरकार ने भी राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्ति में उपराज्यपाल को पूर्ण अधिकार देने की केंद्र की हालिया अधिसूचना को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रूख किया।
 
न्यायाधीशों बी डी अहमद और संजीव सचदेवा के समक्ष दायर याचिका में कहा गया है, 'दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय की 21 मई की अधिसूचना के खिलाफ जाने का फैसला किया है।' इसमें कहा गया है, 'अधिसूचना के तहत उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में सेवाओं, लोक आदेश, पुलिस और भूमि तथा नौकरशाहों की सेवाओं से जुड़े मामले होंगे' इससे उन्हें मुख्यमंत्री से राय मांगने के संबंध में विवेकाधीन शक्तियां होंगी।
 
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमन दुग्गल ने यह याचिका ऐसे समय में दायर की है जब एक दिन पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देते हुए केंद्र उच्चतम न्यायालय पहुंच गया। उच्च न्यायालय के आदेश में गृह मंत्रालय की हालिया अधिसूचना को ‘संदिग्ध’ बताया गया था।
 
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि उपराज्यपाल केवल अपने विवेक से काम नहीं कर सकते। दुग्गल ने यह भी कहा कि उन्होंने पूर्व में केंद्र की ओर से जारी सभी अधिसूचनाओं को चुनौती दी है। पीठ ने मामले की सुनवाई कल के लिए सूचीबद्ध की है।
 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा कार्यवाहक प्रधान सचिव के तौर पर शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति को भी चुनौती दी है।
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