सोशल मीडिया के बारे में पुडुचेरी सरकार के सर्कुलर को उप-राज्यपाल बेदी ने रद्द किया

Webdunia
गुरुवार, 5 जनवरी 2017 (20:01 IST)
पुडुचेरी-नई दिल्ली। पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार और उप राज्यपाल किरण बेदी के बीच मतभेद और गहरा गए। बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा जारी किए गए उस सर्कुलर को रद्द कर दिया, जिसमें आधिकारिक संचार के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था।
बेदी ने अपने इस आदेश की प्रति अपने व्यक्तिगत ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की। इसमें सरकार के सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से इस आधार पर रद्द कर दिया कि इसे जारी करना सरकार की नीतियों और नियमों तथा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करना है।
 
उन्होंने ट्वीट किया, अगर पुडुचेरी को प्रगतिशील केंद्र शासित प्रदेश बनना है तो संचार में वह पिछड़ा नहीं रह सकता। इसलिए पुडुचेरी के मुख्यमंत्री का आदेश रद्द किया जाता है।
 
बेदी अधिकारियों के बीच संवाद के लिए वॉट्सएप को बढ़ावा देने की योजना बना रही थी इसी बीच नारायणसामी ने यह सर्कुलर जारी कर दिया।
 
2 जनवरी के इस सरकारी सकरुलर के मुताबिक मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों, विभागाध्यक्षों और सरकार के स्वामित्व वाले उपक्रमों के कर्मचारियों को ट्वीटर, वॉट्सएप तथा फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के इस्तेमाल को तत्काल रोकने का निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सर्वर भारत के बाहर स्थापित हैं।
 
सर्कुलर में कहा गया है, इन आधिकारिक संचारों और अपलोड किए गए दस्तावेजों तक कोई भी विदेशी देश पहुंच बना सकता है जो आधिकारिक गोपनीयता कानून का उल्लंघन हैं और केंद्रीय सूचना तकनीक मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का विरोधाभासी भी है। 
 
आदेश को पिछड़ा बताते हुए बेदी ने कहा कि यह केंद्र सरकार की स्पष्ट नीति के विरोध में है। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री संचार की ताकत को वापस कैसे ले सकते हैं। इसीलिए मैंने इसे रद्द कर दिया।’
 
उप राज्यपाल किरण बेदी ने कहा, ‘मैंने गृहमंत्री राजनाथ सिंहजी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर उन्हें इस बारे में जानकारी दी।’ बेदी के मुताबिक प्रसाद भी मानते हैं कि मुख्यमंत्री का यह कदम पिछड़ा हुआ है।
 
उन्होंने कहा, ‘अब इस पर केंद्र प्रतिक्रिया देगा। मैंने उन पर छोड़ दिया। यह अह्म मुद्दा है। कोई मुख्यमंत्री खुले संचार और विचारों के उनमुक्त आदान-प्रदान के दौर में इस किस्म का निर्थक आदेश कैसे दे सकता है।’ बेदी ने कहा, ‘भारत सरकार की पूरी शिकायत निवारण प्रणाली खुले संचार पर आधारित है। विदेश मंत्रालय समेत कई मंत्रालय सोशल मीडिया का इतना प्रभावी इस्तेमाल कर रहे हैं।’ 
 
विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित ब्यौरों और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बेदी ने हाल ही में एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप का एडमिनिस्ट्रेटर राज निवास का एक विशेष कार्य अधिकारी है। इस वॉट्सएप ग्रुप में ‘आपत्तिजनक’ वीडियो क्लिप पोस्ट करने वाले पुडुचेरी के एक सिविल सेवा अधिकारी को बेदी ने निलंबित कर दिया था और माना जा रहा है कि इसी के जवाब में राज्य सरकार ने यह सकरुलर जारी किया है।
 
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस बीच चुनाव आयोग ने को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार एएस शिवकुमार को निलंबित करने के बेदी के 30 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी। चुनाव आयोग ने पुडुचेरी में विधानसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए शिवकुमार को चुनाव पंजीयक अधिकारी नियुक्त किया था।
 
बेदी ने कुछ और ट्वीट कर अपने आदेश का बचाव किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पुडुचेरी के सीएम के निर्थक आदेश को मैंने रद्द क्यों किया? क्योंकि यह हमें तकनीक रहित दौर में ले जाता है जो पुडुचेरी की समृद्धि के लिए अच्छा नहीं है। वॉट्सएप के जरिए मेरी कोशिश है कि आम आदमी को तुरंत मदद मिल सके।’ (भाषा) 
Show comments

जरूर पढ़ें

जब मनमोहन ने कहा था कि इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा

बिहार तो गजबे कर दिया, अब हेडमास्‍टर्स भगाएंगे कुत्ते, शिक्षा विभाग का आदेश, आखिर क्‍या है माजरा?

मनमोहन सिंह को BMW से ज्यादा पसंद थी Maruti-800, जानिए वजह?

बीपीएससी छात्रों को फिर मिला खान सर का समर्थन, दोबारा परीक्षा लेने की मांग

मनमोहन सिंह ने 7 माह पहले लिखी थी वोटर्स को चिट्ठी, पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?

सभी देखें

नवीनतम

Kisan Andolan : पंजाब सरकार की स्पेशल टीम ने की डल्लेवाल से मुलाकात, इलाज कराने का किया अनुरोध

चीन बनाएगा ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध, आलोचना पर दी यह सफाई...

Gujarat : सूरत की बैंक में 1 करोड़ से ज्‍यादा की चोरी, कई राज्‍यों के 8 आरोपी गिरफ्तार

Chhattisgarh : कांकेर में सड़क दुर्घटना में 2 युवतियों समेत 5 लोगों की मौत

दिल्ली में बनेगा मनमोहन सिंह का स्मारक, केंद्र सरकार ने किया यह फैसला

अगला लेख