नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने में हिस्सा लेने को लेकर केंद्र पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र कुमार सहित 5 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। इसमें उत्कृष्टता पुरस्कार वापस लेना और अधिकारियों को वरिष्ठता सूची से हटाना शामिल है। इसी तरह की कार्रवाई कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ भी की जा सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बनर्जी के धरने में बैठने को लेकर राजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्दी वाले बलों में कार्यरत अधिकारियों के 4 फरवरी को कोलकाता में मुख्यमंत्री के धरना और प्रदर्शन में कथित रूप से हिस्सा लेने को गंभीरता से लिया है।
डीजीपी वीरेंद्र कुमार के अलावा जो 4 अन्य अधिकारी मंत्रालय के राडार पर हैं, उनमें एडीजी (सुरक्षा) विनीत कुमार गोयल, एडीजी कानून एवं व्यवस्था अनुज शर्मा, पुलिस आयुक्त (बिधान नगर) ज्ञानवंत सिंह, कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सुप्रतीम सरकार शामिल हैं।
केंद्र सरकार 5 अधिकारियों के खिलाफ जिस कार्रवाई पर विचार कर रही है, उनमें उनसे वे पदक या सम्मान वापस लेना शामिल है, जो उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए दिए गए थे। इसके साथ ही इसमें उनके नाम वरिष्ठता सूची से हटाना और केंद्र सरकार में उनके सेवा करने पर कुछ अवधि के लिए प्रतिबंध लगाना भी शामिल है। माना जाता है कि गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा है कि वह अखिल भारतीय सेवा नियमों के कथित उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करे।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों को एक परामर्श जारी करने पर विचार कर रहा है कि यह सुनिश्चित करें कि वर्दी वाले बलों के अधिकारी आचरण नियमों का पालन करें। मंगलवार को केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से राजीव कुमार के खिलाफ अनुशासनहीनता और सेवा नियमों के उल्लंघन के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा था। (भाषा)