लालजी टंडन का पार्षद से लेकर राज्यपाल तक का सफरनामा

अवनीश कुमार
मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (10:41 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया। निधन की जानकारी होते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। वे इतने मिलनसार थे कि प्रदेश की समस्त पार्टियों में उनके निधन की खबर के बाद शोक की लहर देखने को मिली। वे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी थे और हर समुदाय के लोकप्रिय नेता थे। यही वजह थी कि उन्होंने राजनीतिक शुरुआत पार्षद से शुरू करते हुए राज्यपाल तक का सफर तय किया था।
ALSO READ: समर्थकों में 'बाबूजी' के नाम से लोकप्रिय थे लालजी टंडन
सफरनामा : मूल रूप से उत्तरप्रदेश के लखनऊ के निवासी लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बेहद ही संघर्ष से शुरू की थी और उन्होंने राजनीति की सीढ़ियां भी एक-एक कर चढ़ी थीं। लखनऊ की जनता के बीच लोकप्रियता के चलते वे 1962 में लखनऊ नगर निगम के पार्षद चुने गए थे और नगर निगम में ही वे भारतीय जनसंघ सभासद दल के नेता रहे थे।
ALSO READ: यादें :एक अलग तरह के राजनेता थे लालजी टंडन,मायावती से था भाई-बहन का रिश्ता
इस दौरान भी उन्होंने क्षेत्र की समस्या को कभी भी वोट बैंक के आधार पर नहीं देखा और उन्होंने क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिए सभी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिला काम किया। इस दौरान वे भारतीय जनसंघ की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष भी रहे थे और फिर आपातकाल के दौरान 19 महीने तक जेल में भी रहे।
 
धीरे-धीरे जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और वे वरिष्ठ नेताओं में शुमार हो गए जिसके चलते 1978 में वे उत्तरप्रदेश की विधान परिषद के लिए चुने गए और फिर लगातार वे इस सदन के लिए निर्वाचित होते रहे। इस दौरान 1978-84 तक वे विधान परिषद में नेता सदन भी रहे।
ALSO READ: यादें : राज्यपाल लालजी टंडन का निधन,अटलजी की चरण पादुका लेकर लड़ा था लखनऊ से सांसद का चुनाव
जब-जब भी उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो कई अहम जिम्मेदारी भी बीजेपी सरकार ने उनके कंधों पर डाली। इसी के साथ 1996 से लेकर 2009 तक वे लगातार 3 बार विधायक चुने गए और 2003 से 2007 तक विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने काम किया। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीतिक संन्यास ले लिया तो उनकी विरासत संभालने के लिए पार्टी ने जिम्मेदारी देते हुए 2009 में उन्हें लखनऊ से लोकसभा का चुनाव स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सीट से टिकट दी और वे 15वीं लोकसभा के सदस्य ही चुने गए।
 
इस दौरान प्रदेश की जनता के उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई और पार्टी में उनका कद भी बड़ा होता चला गया जिसके चलते उन्हें 21 अगस्त 2018 को बिहार का राज्यपाल बनाया गया और फिर 20 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 12 अप्रैल 1935 को जन्मे लालजी टंडन ने लखनऊ के चौक की गलियों से पार्षद, एमएलसी, विधायक, मंत्री और राज्यपाल तक का सफर तय किया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर फेंका मोबाइल, चेहरे पर आईं चोटें

बंगाल की खाड़ी में बना गहरे दबाव का क्षेत्र, जानिए देश में कहां कैसा है मौसम?

ये है मुंबई का सबसे लंबा डिजिटल अरेस्ट, 1 महीने वॉट्सऐप कॉल पर रखा, 6 खातों से लूटे 3.8 करोड़

LIVE: संभल में 30 नवंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक

विजयपुर में कांग्रेस की जीत जीतू पटवारी के लिए संजीवनी, कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की हार से चरम पर पहुंचेगी नई-पुरानी भाजपा की लडाई?

अगला लेख