भारत का मुंहतोड़ जवाब, बौखलाए पाक ने दी धमकी

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। आने वाले दिन जम्मू सीमा पर रहने वालों के लिए भयंकर और भारी साबित होने जा रहे हैं। राज्य सरकार पाक गोलाबारी से सीमावासियों को बचाने की खातिर प्रत्येक घर में बंकरों का निर्माण करना चाहती है तो पाकिस्तान ऐसे बंकरों के निर्माण को रूकवाने पर आमादा है। इसके लिए उसने अब सीधे तौर पर धमकी देते हुए सीमा पर गोलाबारी की बात कही है।
वैसे तो यह पहला मौका नहीं है कि पाकिस्तान ने जम्मू सीमा पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति उठाई हो पर यह पहला अवसर है कि उसने सीजफायर के दौरान ऐसी धमकी देकर सीमावासियों को दहशतजदा कर दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने की 26 तारीख को जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर जारी सीजफायर ने 13 साल पूरे कर लिए हैं।
 
दरअसल पिछले कुछ महीनों से जम्मू सीमा, जो इंटरनेशनल बार्डर है, पर पाक सेना जबरदस्त गोलाबारी कर मासूम नागरिकों को पलायन के लिए मजबूर कर चुकी है। पाक गोलाबारी 198 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर पर अभी तक 18 लोगों की जानें ले चुकी है और सैकड़ों मकानों को धराशायी कर चुकी है। सैकड़ों बेजुबान पशु भी इस दौरान मारे जा चुके हैं। पाक गोलाबारी के कारण सिर्फ जम्मू सीमा के विभिन्न इलाकों से 60 हजार लोग पलायन कर राहत शिविरों के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लिए हुए हैं।  
 
अब पाकिस्तान की नई धमकी के कारण उनका अपने खेतों और घरों में वापस लौटने का सपना टूटता नजर आने लगा है। पाकिस्तान ने जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए धमकी दी है कि अगर भारत ने जम्मू सीमा पर बंकरों का निर्माण किया तो भयानक तबाही होगी। इस धमकी के पीछे वह तर्क देता है कि जम्मू का बार्डर वर्किंग बाउंड्री है और वर्ष 2010 में हुए समझौते के तहत 500 मीटर के भीतर कोई निर्माण नहीं हो सकता, जबकि बंकरों का निर्माण गांवों के भीतर होने जा रहा है जो जीरो लाइन से 500 मीटर से 3 किमी पीछे हैं। हालांकि वर्ष 1995 में जब जम्मू सीमा पर तारबंदी का कार्य आरंभ हुआ था तो उस समय भी बंकरों के निर्माण पर आपत्ति करते हुए पाकिस्तानी सेना ने जबरदस्त गोलाबारी कर सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी।
 
नतीजतन स्थिति यह है कि 198 किमी लंबी जम्मू सीमा पर रहने वाले लाखों लोगों की जिंदगी बदहाल होने जा रही है जो घरों को छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं, उनकी घर वापसी अब मुश्किल लगने लगी है।
 
आरएस पुरा के एक शरणार्थी शिविर में रह रहे दयाल सिंह का कहना है कि अब तो युद्ध ही एकमात्र हल है इस समस्या का। दर्शन सिंह का घर पाक गोलाबारी के कारण ढह चुका है और परिवार के एक सदस्य की मौत हो चुकी है।
 
पाकिस्तान की ताजा धमकी के बाद सीमा पर सतर्कता को बढ़ाया गया है। साथ ही अतिरिक्त जवानों को तैनात करने का कार्य तेज किया जा चुका है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सेना को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है और रक्षा खाई पर सेना की तैनाती भी की जाने लगी है। ऐसी ही तैनाती संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद सीमाओं पर बने तनाव के समय की गई थी। हालांकि उस समय युद्ध तो हुआ नहीं था, पर सीमावासियों को जो तबाही सहन करनी पड़ी थी, उसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।
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