भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर पार्टी आलाकमान जल्द ही कोई फैसला ले सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आज दिल्ली में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मुलाकात में इस बात को लेकर कोई अंतिम मोहर लग सकती है, वहीं पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर कांग्रेस 2 भागों में बंटी हुई दिखाई दे रही है।
पीसीसी चीफ को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच खेमेबाजी साफतौर पर दिखाई दे रही है। पार्टी विधायकों और मंत्रियों का एक गुट पार्टी महासचिव और सूबे में पार्टी के बड़े चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाने की मांग कर रहा है तो दूसरी तरफ दूसरा गुट पार्टी के किसी आदिवासी नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान देने के पक्ष में दिखाई दे रहा है। नेताओं की इन खेमेबाजी के बीच इतना तो तय है कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष वहीं बनेगा जिसके नाम पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी मोहर लगाएंगे।
सिंधिया के समर्थन में उतरे नेता : विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में सत्ता में कांग्रेस के आने के बाद कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ता कर रहे है।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कमलनाथ कैबिनेट में शामिल सिंधिया खेमे के सभी मंत्री खुलेतौर पर पार्टी आलाकमान से अपने नेता को अध्यक्ष बनाने की मांग कर डाली है। इसके साथ कमलनाथ कैबिनेट में सीनियर मंत्री और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने डॉक्टर गोविंद सिंह और कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी भी सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाए जाने के पक्ष में दिखाई दिए हैं।
मध्यप्रदेश की राजनीति के जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए अपनी सहमति देंगे या नहीं, यह भी देखना दिलचस्प होगा।
आदिवासी नेता को कमान देने की मांग : एक ओर सिंधिया के पक्ष में खेमेबाजी हो रही है तो दूसरी कांग्रेस में दूसरे गुट के नेताओं ने किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग तेज कर दी है। सरकार में शामिल कैबिनेट और पार्टी के दिग्गज नेता सज्जन सिंह वर्मा किसी आदिवासी नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान देने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं।
सज्जन सिंह वर्मा तो गृहमंत्री बाला बच्चन को अध्यक्ष के लिए अपनी पसंद भी बता चुके हैं। इसके साथ ही पार्टी के आदिवासी विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा भी किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में हैं।
डॉक्टर अलावा कहते हैं कि चुनाव आदिवासी समाज से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी मजबूत होगी। वे कहते हैं कि आदिवासी के कारण ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है इसलिए किसी आदिवासी नेता चाहे वह युवा हो या सीनियर उसको पार्टी को इस बार मौका देना चाहिए।
डॉक्टर अलावा कहते हैं कि किसी युवा आदिवासी नेता को अगर प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो वह आदिवासी के हितों की बात मजबूती से उठाएगा। डॉक्टर अलावा के साथ निर्दलीय विधायक और कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी किसी भी आदिवासी नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान देने के पक्ष में हैं।