कोलकाता के व्यस्त इलाके में 50 साल पुराना पुल ढहा, 1 की मौत और 21 घायल

Webdunia
बुधवार, 5 सितम्बर 2018 (00:15 IST)
कोलकाता। कोलकाता के दक्षिणी क्षेत्र में डायमंड हार्बर रोड पर 50 साल पुराने पुल का एक हिस्सा मंगलवार शाम को ढह जाने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जानकारी मिली है कि इस दर्दनाक हादसे में 3 महिलाओं समेत 21 अन्य लोग घायल हो गए।

कोलकाता में भीड़भाड़ वाले अलीपुर इलाके में 50 साल पुराना यह पुल व्यस्त समय के दौरान करीब पौने पांच बजे ढह गया और रेल लाइन पर गिरा। यह पुल माजेरहाट रेलवे स्टेशन के उपर से गुजरता है और सिटी सेंटर को घने आबादी वाले क्षेत्र बेहाला, अन्य दक्षिणी उपनगरीय क्षेत्रों और समीप के दक्षिण 24 परगना जिले से जोड़ता है। पुलिस ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। 
 
पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान सौमेन बाग के रूप में हुई है। वह ठाकुरपुकुड़ का रहने वाला था। वह कुछ किताबें खरीदने के बाद कॉलेज स्ट्रीट से घर लौट रहा था। इसी दौरान यह दुर्घटना हुई। घायलों को एसएसकेएम और सीएमआरआई अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 
 
इससे पहले, बचाव कार्य में लगे अग्निशमन कर्मियों ने कहा था कि मलबे से 25 घायलों को निकाला गया है।
रात में बचाव कार्य जारी रखने के लिए रोशनी की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। एक मिनी बस, चार कारें और चार मोटरसाइकिलें शाम तक मलबे में दबी नजर आईं। एक चश्मदीद के अनुसार मलबे के नीचे एक मिनी बस और एक निजी कार में कुछ लोग फंसे हुए हैं।
 
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में कहा कि बचाव कार्य करीब करीब पूरा हो गया है और अब केवल सीमेंट की सिल्लियों को काटकर यह देखा जाना है कि वहां कोई फंसा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि पुल के नीचे एक झोपड़ी है, जिसमें मेट्रो रेल निर्माण कार्य में लगे हुए कुछ श्रमिक रहा करते थे। बनर्जी ने कहा, 'अगर वे दुर्घटना के समय वहां होते, तो यह और दुखद घटना हो सकती थी।'
 
उन्होंने कहा कि हजारों लोग इलाके से गुजरते हैं और सरकार को हादसे की जांच करनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पुल के ढह जाने के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य सचिव मलय डे की अगुवाई में एक समिति जांच करेगी। उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी जिनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।'
 
उन्होंने इस हादसे में मारे गए व्यक्ति के परिवार के लिए 5 लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की घोषणा की है। बनर्जी ने कहा कि वह अपने कार्यक्रम में बदलाव कर बुधवार को घटनास्थल का दौरा करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
 
राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, ‘मैं बचाव कार्य देखने आया हूं। यह बड़ी त्रासदी है। मैंने सुना कि पुल का रखरखाव पीडब्ल्यूडी और रेलवे के जिम्मे था। मामले की जांच की जरुरत है।’
एनडीआरएफ के महानिदेशक संजय कुमार ने कहा कि इलाके को साफ करने का काम चल रहा है।
 
उन्होंने कहा, 'मलबे को हटाते समय हमें सुरक्षा के पहलू को भी ध्यान में रखना होगा।' एनडीआरएफ कर्मी खोजी कुत्तों की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मलबों के नीचे कोई व्यक्ति दबा तो नहीं है। नगर निगम में महापौर परिषद के एक सदस्य ने बताया कि 450 मीटर लंबे पुल का निर्माण 1960 के दशक के प्रारंभ में हुआ था और उसका रखरखाव लोक निर्माण विभाग देखता था।
 
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि समीप में मेट्रो रेलवे के खंभों के निर्माण के चलते शायद पुल ढह गया लेकिन इसकी विशेषज्ञों द्वारा तत्काल इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जोका-बीबीडी बाग मेट्रो गलियारे के निर्माण कार्य में लगे रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने कहा है कि ‘मेट्रो का निर्माण का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।’ 
 
शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के अनुसार बचाव कार्य पूरा होने के बाद हम तकनीकी जांच शुरु करेंगे। पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता के अनुसार सर्कुलर रेलवे सेवाएं और  सियालदह लाइन प्रभावित हुई। बड़ी संख्या में यात्रियों को इससे असुविधा हुई है। पुल के ढह जाने के कारण दक्षिण पश्चिम कोलकाता के विशाल क्षेत्रों और समीप के दक्षिण 24 परगना जिले से यातायात अवरुद्ध है।
 
सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि कोलकाता में माजेरहाट पुल के ढह जाने के बाद बचाव टीम, आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस, अग्निशमन कर्मी मौके पर पहुंच गए हैं। बचाव अभियान चल रहा है। इस बीच रक्षा सूत्रों ने बताया कि सेना ने किसी भी सहायता के लिए तीन टुकड़ियां तैयार रखी हैं। 
 
विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ‘पुराने पुलों की मरम्मत के प्रति उसकी लापरवाही’ इस घटना की मुख्य वजह है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने कहा, 'पुल ढहने की घटना वास्तव में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेदार है। पुराने पुलों की मरम्मत का काम तृणमूल कांग्रेस के एजेंडे में भी नहीं है।'
 
कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख अधीर चौधरी ने मुख्यमंत्री बनर्जी और लोक निर्माण मंत्री हाकिम से जवाब मांगा है। पिछले साढ़े पांच साल में शहर में यह तीसरा पुल हादसा है।

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