ममता बनर्जी का बड़ा बयान, बांग्लादेश के लोग दरवाजा खटखटाएंगे तो शरण जरूर देंगे

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 21 जुलाई 2024 (20:10 IST)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर वह पड़ोसी देश में संकट में फंसे लोगों के लिए अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें शरण दी जाएगी। बनर्जी ने संभावित मानवीय संकट पर अपने रुख को न्यायोचित ठहराने के लिए शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के संकल्प का हवाला दिया।
 
उन्होंने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में कहा कि मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है। लेकिन मैं आपको यह बता सकती हूं कि यदि संकट में फंसे लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाएंगे तो हम उन्हें शरण जरूर देंगे।
ALSO READ: Budget 2024 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बनाएंगी अनोखा रिकॉर्ड, इस बार क्यों खास होगा यह बजट
बनर्जी ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांत क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक संकल्प है।’’ उन्होंने बंगाल के उन निवासियों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया जिनके रिश्तेदार अंतरराष्ट्रीय सीमा से पूर्व की ओर हो रही हिंसा के कारण फंस गए हैं। उन्होंने उन बांग्लादेशियों को भी सहायता प्रदान करने की बात कही जो बंगाल आए थे, लेकिन घर लौटने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
 
बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति से संबंधित मामलों पर उकसावे में न आने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें संयम बरतना चाहिए और इस मुद्दे पर किसी भी उकसावे में नहीं आना चाहिए।’’
 
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने पड़ोसी देश में जारी हिंसा प्रभावित लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार का हालांकि मानना ​​है कि देश की विदेश नीति से जुड़े ऐसे मामलों में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से पहले केंद्र से परामर्श किया जाना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि हम सभी बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं, जिस पर नई दिल्ली करीबी नजर रखे हुए है। हमारी मुख्यमंत्री को देश की विदेश नीति से जुड़े मामलों पर केंद्र से परामर्श किए बिना अपनी राय नहीं देनी चाहिए।’’
 
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर कई दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं और हालात बिगड़ने पर शनिवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया। सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की।
ALSO READ: स्कूल भर्ती घोटाले में पार्थ की गिरफ्तारी हो सकती है, तो NEET मामले में प्रधान की क्यों नहीं : अभिषेक बनर्जी
प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण दिये जाने की प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। भाषा

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अभिनेत्री पद्मिनी की कहानी, 10 साल की उम्र में यौन शोषण, बेटियों को फिल्मों से दूर रखा

चंपई सोरेन के भाजपा में आने पर शिवराज बोले, टाइगर जिंदा है

बाढ़ग्रस्त गुजरात को राहत, ओमान की ओर बढ़ा असना चक्रवात

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?

पेंशन आवेदन पत्र भरना हुआ आसान, सरकार ने जारी किया नया फॉर्म

सभी देखें

नवीनतम

चिराग पासवान की लोकसभा सदस्यता को चुनौती, भाजपा नेता ने लगाए ये संगीन आरोप

देखो अपना देश अभियान में सभी लोग भागीदारी करें : विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा ऐलान, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों को मिलेगा ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण

Chhattisgarh : सुकमा में 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 2 गिरफ्तार

Gujarat Rain : भारी बारिश के बाद अमित शाह ने किया गांधीनगर का दौरा, गांवों में अब भी भरा है लबालब पानी

अगला लेख