नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद शक के घेरे में आई वोटिंग मशीनों के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव मतपत्र के माध्यम से कराने की मांग की है।
केजरीवाल ने इस संबंध में एक पत्र दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि राज्य चुनाव आयोग से कहा जाए कि एमसीडी चुनाव वोटिंग मशीन से न कराकर मतपत्र के जरिए ही कराए जाएं।
उल्लेखनीय है कि यूपी चुनाव परिणामों के बाद बसपा नेता मायावती ने आरोप लगाया था कि वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ के चलते राज्य में भाजपा को इतनी सीटें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने अपनी बात के पक्ष में तर्क दिया था कि मुस्लिम इलाकों में भाजपा की जीत आश्चर्यचकित करने वाली है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी केजरीवाल को सलाह दी है कि चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से ही कराए जाएं।
तब भाजपा भी उठाती थी सवाल : 2009 में बीजेपी (एनडीए) की हार के बाद उसने बाकायदा EVM के खिलाफ अभियान चलाया था। आरोप वही थे, जो आज मायावती लगा रहीं हैं। तब इन इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के खिलाफ बोलने की कमान सम्हाली थी किरीट सौमैया और जीवीएल नरसिम्हाराव ने। सौमैया और नरसिम्हाराव दोनों को ही बीजेपी का कद्दावर नेता माना जाता है।
किरीट सौमैया तो बाकायदा EVM में गड़बड़ी की कहानी अलग-अलग शहरों में जाकर सुनाया करते थे। किरीट सौमैया साथ में एक आईटी विशेषज्ञ भी हुआ करता था, जो कम्प्यूटर-लैपटॉप पर दिखाता था ईवीएम मशीनों में कैसे गड़बड़ी कैसे हो सकती है।