Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

लद्दाख गतिरोध : सातवें दौर की हुई सैन्य वार्ता, चीनी सैनिकों को पीछे हटाने पर अड़ा भारत

Advertiesment
हमें फॉलो करें Indian Army
, मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020 (01:23 IST)
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के समाधान के लिए भारत ने सोमवार को चीन के साथ सातवें दौर की सैन्य वार्ता में बीजिंग से अप्रैल पूर्व की यथास्थिति बहाल करने और विवाद के सभी बिन्दुओं से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी करने को कहा। सरकारी सूत्रों ने यह बात कही।

उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की वार्ता दोपहर लगभग 12 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल क्षेत्र में भारतीय इलाके में हुई और रात साढ़े आठ बजे के बाद भी जारी रही। सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है और विवाद का जल्द समाधान होने के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है।

वार्ता के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एजेंडा विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप देने का था। भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे हैं।

ऐसा माना जाता है कि वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी चीनी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है। सूत्रों ने बताया कि वार्ता में भारत ने जोर देकर कहा कि चीन को विवाद के सभी बिन्दुओं से अपने सैनिकों को जल्द और पूरी तरह वापस बुलाना चाहिए तथा पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों में अप्रैल से पूर्व की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए। गतिरोध पांच मई को शुरू हुआ था।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों सहित चीन अध्ययन समूह (सीएसजी) ने सैन्य वार्ता के लिए शुक्रवार को भारत की रणनीति को अंतिम रूप दिया। सीएसजी चीन के बारे में भारत की महत्वपूर्ण नीति निर्धारक इकाई है।

सातवें दौर की सैन्य वार्ता शुरू होने से पहले सूत्रों ने कहा था कि भारत पैंगोंग नदी के दक्षिणी किनारे कई रणनीतिक ऊंचाइयों से भारतीय सैनिकों की वापसी की चीन की मांग का मजबूती से विरोध करेगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त की रात पैंगोंग नदी के दक्षिणी किनारे स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था जिससे वहां भारतीय सेना की स्थिति काफी मजबूत हो गई है।
भारतीय सेना ने चीनी सेना के जवाब में सीमा पर टैंक और अन्य भारी अस्त्र-शस्त्र उतार दिए हैं तथा ईंधन, भोजन और सर्दियों में काम आने वाली चीजों की पर्याप्त व्यवस्था की है।(भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

IPL 2020 : विराट कोहली ने डीविलियर्स को जीत का श्रेय, कार्तिक बोले- उन्हें रोक पाना मुश्किल था