Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

एक बोतल पानी के साथ आप पी रहे हैं 240000 प्लास्टिक टुकड़े, ये रिपोर्ट आंखें खोल देगी

हमें फॉलो करें एक बोतल पानी के साथ आप पी रहे हैं 240000 प्लास्टिक टुकड़े, ये रिपोर्ट आंखें खोल देगी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, मंगलवार, 9 जनवरी 2024 (16:33 IST)
Plastic Pieces Found in Bottled Water: हम अक्‍सर बोतल बंद पानी खरीदकर शान से पीते हैं। गर्मियों के दिनों में तो यह बहुत ज्‍यादा देखने को मिलता है हर आदमी अपने हाथ में बोतल लेकर चलता है।

लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके बारे में जानकर शायद आप बोतल बंद पानी पीने से पहले 100 बार सोचेंगे। दरअसल, बोतलबंद पानी को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। एक रिसर्च के मुताबिक, बोतल बंद पानी में लाखों प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं। जिस पानी को हम साफ देखकर पी लेते हैं, वह पानी आपको बेहद बीमार बना सकता है। यह रिसर्च ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुई है।

क्‍या सामने आया रिसर्च में : रिसर्च में सामने आया कि एक लीटर पानी की बोतल में औसतन लगभग 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं। ये टुकड़े पहले के अनुमान से 100 गुना अधिक हैं। इससे पहले की रिसर्च केवल माइक्रोप्लास्टिक, या 1 से 5,000 माइक्रोमीटर के बीच के टुकड़े ही पाए गए थे। अध्ययन में तीन नामी कंपनियों के बोतल बंद पानी को शामिल किया गया था, हालांकि ये कंपनियां कौन सी थी, इनके नाम के बारे में खुलासा नहीं किया गया।

कैसे हुई रिसर्च : दरअसल, वैज्ञानिकों के मुताबिक उन्‍हें बोतलबंद पानी में माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक की मौजूदगी को लेकर संदेह था, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी। इसके बाद वैज्ञानिकों ने नई तकनीक (स्टीमुलेटेड रैमन स्कैटरिंग (एसआरएस) माइक्रोस्कोपी) का इस्तेमाल किया। जिसमें कुछ परिणाम सामने आए। उसमें बताया गया कि नैनोप्लास्टिक्स, माइक्रोप्लास्टिक्स की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि ये इंसान के पाचन तंत्र और फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं।

कितने खतरनाक हैं ये नैनोप्लास्टिक्स : यह रिपोर्ट इसलिए भी अहम है क्‍योंकि यह हेल्‍थ के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। दरअसल, ये नैनोप्‍लास्‍टिक दिमाग और दिल से होते हुए अजन्मे बच्चे तक भी पहुंच सकते हैं। हालांकि यह किस तरह से नुकसानदायक है इसे लेकर कोई पुख्‍ता जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन कहा जाता है कि गैस्ट्रिक समस्याओं के साथ ही जन्म के वक्त बच्चों में शारीरिक असमान्यताएं तक हो सकती हैं।

क्या हैं नैनोप्लास्टिक- माइक्रोप्लास्टिक?
माइक्रोप्लास्टिक : 5 मिलीमीटर से छोटे टुकड़े को कहा जाता है वहीं एक माइक्रोमीटर यानी एक मीटर के अरबवें हिंस्से को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि ये पांचन तंत्र से होते हुए फेफड़े तक पहुंच जाते हैं। बता दें कि दुनिया में हर साल 450 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है।
Edited By : Navin Rangiyal


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Moto G34 5G : Motorola का सस्ता स्मार्टफोन, 10 हजार से कम कीमत में फीचर्स कर देंगे धमाका