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तिरुपति के करोड़ों भक्‍तों के साथ धोखा, मंदिर ट्रस्‍ट को बेच डाला 68 लाख किलो नकली घी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 10 नवंबर 2025 (10:22 IST)
उत्‍तराखंड की एक डेयरी ने तिरुपति मंदिर को करोड़ों रुपए का नकली घी बेच डाला। यह खुलासा हाल ही में सीबीआई जांच में सामने आया है। एक डेयरी जिसने कभी दूध या बटर (मक्‍खन) नहीं खरीदा, उसने तिरुपति मंदिर ट्रस्‍ट या तिरुमला तिरुपति देवस्‍थानम (TTD) को 60 महीने यानी 5 साल में 68 लाख किलोग्राम घी की सप्‍लाई कर दी। इस घोटाले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

CBI की जांच में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है। मिलावटी घी से पवित्र लड्डू बनाने के मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई है। सीबीआई के इस खुलासे से कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि TTD में ऐसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी कि महीनों से चले आ रहे करोड़ों रुपए के इस महाघोटाले का समय रहते पता लगाया जा सके। बता दें कि तिरुपति मंदिर के पवित्र लड्डू को प्रसाद के तौर पर लखों-करोड़ों भक्‍त खरीदते हैं।

TTD (आंध्र प्रदेश के विख्यात तिरुपति मंदिर का संचालन करने वाला ट्रस्ट) में लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी में भारी स्तर पर मिलावट का बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई की विशेष जांच टीम (SIT) की जांच में पता चला है कि उत्तराखंड की एक डेयरी ने 2019 से 2024 के बीच 68 लाख किलोग्राम घी की सप्लाई TTD को की, जिसकी कीमत लगभग 250 करोड़ रुपए थी। चौंकाने वाली बात यह है कि वह डेयरी किसी भी स्रोत से न तो दूध खरीदती थी और न ही मक्खन।

CBI के मुताबिक हरिद्वार जिले के भगवाणपुर में स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी के प्रमोटर पामिल जैन और विपिन जैन ने एक फर्जी देसी घी उत्पादन यूनिट खड़ी की। उन्होंने दूध और मक्खन की खरीद से संबंधित दस्तावेज़ फर्जी तरीके से बनाए और पेमेंट रिकॉर्ड्स में हेरफेर किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि घी का उत्पादन नियमित रूप से हो रहा है। जांच में गिरफ्तार किए गए आरोपी अजय कुमार सुगंध ने SIT को जानकारी दी कि वह डेयरी को मोनोडाइग्लिसराइड्स (monodiglycerides) और एसेटिक एसिड एस्टर जैसे केमिकल सप्लाई करता था। ये रसायन औद्योगिक और खाद्य मिलावट में उपयोग होते हैं और घी में बनावट व स्थिरता बढ़ाने के लिए मिलाए जाते थे।

इतना नहीं, ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार और मिलावट की शिकायतों के आधार पर TTD ने साल 2022 में भोले बाबा डेयरी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। CBI के अनुसार इसके बाद भी डेयरी मालिकों ने अन्य डेयरी फर्मों के नाम पर टेंडर हासिल कर घी की सप्लाई जारी रखी। इनमें वैष्णवी डेयरी (तिरुपति), माल गंगा डेयरी (उत्तर प्रदेश) और AR डेयरी फूड्स (तमिलनाडु) शामिल हैं। CBI ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में बताया कि घी के कई स्टॉक जानवरों की चर्बी मिलाकर तैयार किए गए थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जुलाई 2024 में TTD ने AR डेयरी से आए चार टैंकर घी को मिलावट के चलते रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन वे टैंकर डेयरी प्लांट में वापस नहीं लौटे। FSSAI और SIT ने जांच में पाया कि उन्हें सीधे वैष्णवी डेयरी के पास ले जाया गया। 
Edited By: Navin Rangiyal

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