नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सरोगेसी नियमन विधेयक 2019 में बदलाव करते हुए विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को भी सरोगेसी के जरिए मां बनने का अधिकार देने का फैसला किया है। नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशों को मानते हुए सेरोगेसी (किराए की कोख) बिल को मंजूरी दे दी है। बिल की मंजूरी के बाद विधवा हो या तलाकशुदा महिलाओं को भी सरोगेसी का अधिकार होगा।
ये हुए बिल में संशोधन : नए नियम में सेरोगेट मदर के मेडिकल कवर को 18 से बढ़ाकर 36 महीने का कर दिया गया है। शादी के बाद सरोगेसी की इजाजत की सीमा को भी 5 साल से घटा दिया गया है।
महिला व बाल विकास मंत्रालय की मंत्री स्मृति ईरानी ने सेरोगेसी बिल पेश किया था। इसके कुछ बिंदुओं पर आपत्ति के चलते उसे राज्यसभा की सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया था। सेलेक्ट कमेटी ने कुछ सिफारिशें दी थीं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर लिया गया। मौजूदा सिफारिशों में अब महिला विधवा हो या तलाकशुदा, उसे भी सरोगेसी का अधिकार है।