खुला अमेरिकी संसद में मोदी के अंग्रेजी भाषण का सबसे बड़ा राज

Webdunia
शनिवार, 11 जून 2016 (17:51 IST)
नई दिल्ली/ वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी संसद में दिए गए भाषण की खूब तारीफ हुई। सोशल मीडिया पर भी भारत के प्रधानमंत्री के अंग्रेजी भाषण के खूब चर्चे हुए। कहा जा रहा था कि जिस तरह मोदी देश में हिन्दी में प्रभावी भाषण देते हैं, वैसे ही उनकी पकड़ अंग्रेजी पर भी है, इसलिए उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में अंग्रेजी में भाषण दिया, लेकिन भाषण के कुछ वक्त बाद ही सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो गई।

तस्वीर के मुताबिक भाषण देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीप्रॉम्‍प्‍टर का इस्तेमाल किया है। तस्वीर में दिखाया गया है कि अमेरिकी कांग्रेस में भाषण दे रहे प्रधानमंत्री मोदी के दाएं और बाईं तरफ टेलीप्रॉम्‍प्‍टर लगे हुए थे। उसके कुछ घंटे बाद ही मीडिया रिपोर्ट्स ने भी इस तस्वीर को सही बताया। 
 
इसरो में किया था सबसे पहले प्रयोग : खबर के मुताबिक मोदी ने सबसे पहले टेलीप्रॉम्‍प्‍टर का प्रयोग इसरो में पीएसएलवी के लांच के वक्त किया था। उसके बाद प्रधानमंत्री को जहां अंग्रेजी में भाषण देना होता है, वहां अक्सर वे टेलीप्रॉम्‍प्‍टर का प्रयोग करते हैं। 
 
टेलीप्रॉम्प्टर से भाषण पढ़ने में माहिर हैं मोदी : टेलीप्रॉम्‍प्‍टर के इस्तेमाल में सबसे बड़ा खतरा यह है कि इस दौरान स्पीकर अपने भाषण के शब्दों पर ज्यादा फोकस रखता है। स्पीकर इस बात को ध्यान नहीं रख पाता कि वह जो बोल रहा है उसे दर्शक समझ पा रहे हैं या नहीं। हालांकि पीएम मोदी को इस कला में महारत हासिल है। वेे इसका इस्तेमाल करते हुए भी अपने दर्शकों को अपनी बात समझाने में कामयाब रहते हैं। 
 
टेलीप्रॉम्‍प्‍टर से जब मोदी खा गए धोखा : टेलीप्रॉम्‍प्‍टर से प्रधानमंत्री मोदी एक बार धोखा खा चुके हैं। साल 2015 में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना अपनी पत्नी के साथ भारत आए हुए थे। उनके स्वागत के लिए मोदी ने टेलीप्रॉम्‍प्‍टर का इस्तेमाल किया था। हुआ कुछ यूं कि मोदी सिरिसेना केे स्वागत में भाषण दे रहे थे, उसी दौरान उन्होंने मैत्रिपाला की पत्नी को एमआरएस (MRS) सिरिसेना बोला दिया, जबकि उन्हें मिसेज सिरिसेना बोलना था। 
 
ऐसे काम करता है टेलीप्रॉम्प्टर :  टेलीप्रॉम्‍प्‍टर के लेटेस्ट वर्जन को पकड़ पाना मुश्किल है। सामने बैठे दर्शकों को यह दिखाई नहीं देता, क्योंकि एक साइड से यहां पारदर्शी होता है। टेलीप्रॉम्‍प्‍टर केवल पीछे खड़े व्यक्ति को ही दिखाई देता है। स्पीकर जैसे-जैसे टेलीप्रॉम्‍प्‍टर पर लिखे शब्द पढ़ते जाएगा, वैसे-वैसे वह स्क्रॉल डाउन हो जाएगा। टेलीप्रॉम्‍प्‍टर ऑपरेटर इसकी स्क्रॉलिंग की स्पीड को नियंत्रित करता रहता है। वह शब्दों को स्पीकर की स्पीड के मुताबिक नीचे करता है। 
 
भाषण के दौरान स्पीकर एक टेलीप्रॉम्‍प्‍टर से दूसरे की ओर देखता रहता है। इससे ऐसा लगता है कि वह दर्शकों की तरफ देख रहा है। ऑपरेटर को स्पीड स्पीकर की बोलने की स्पीड को ध्यान में रखते हुए नियंत्रित करना होता है। स्पीकर जैसे ही धीरे होता या कुछ देर के लिए रुकता है तो ऑपरेटर स्क्रॉलिंग की स्पीड भी कम कर देता है।
Show comments

Rajkot Gaming Zone Fire: HC की फटकार के बाद सरकार का एक्शन, राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर

क्यों INDIA गठबंधन बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी, बताया कारण

Maruti Alto EV सस्ता और धमाकेदार मॉडल होने जा रहा है लॉन्च, जानिए क्या हो सकती है कीमत

Prajwal Revanna : सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना का पहला बयान, 31 मई को SIT के सामने आऊंगा

चक्रवाती तूफान रेमल का कहर, बंगाल में 15000 घर तबाह, 2 लोगों की मौत

Gaza: रफ़ाह में इसराइली हमले में बड़ी संख्या में लोग हताहत

रणजीत हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम दोषमुक्त, 22 साल पुराने मामले में हाई कोर्ट ने दी बड़ी राहत

राहुल गांधी की मुश्किल बढ़ी, भाषण में किया था वीर सावरकर का अपमान

मिजोरम में दर्दनाक हादसा, पत्थर की खदान ढहने से 10 लोगों की मौत

पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से 2000 की मौत, 8000 से ज्यादा फंसे, पीएम मोदी ने किया वादा

अगला लेख