नई दिल्ली। नगरोटा आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चूक सामने आई है। यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि इस हमले को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। इसके बाद भी सुरक्षा में चूक बात सामने आई है। अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तोइबा का हाथ बताया जा रहा है। इस हमले में 3 आतंकी मारे गए। भारतीय सेना के कैंप पर हुए हमले में 2 मेजर सहित 7 जवान शहीद हो गए थे। खूफिया एजेंसियों 10 पहले आगाह कर दिया था कि ऐसा कोई हमला हो सकता है। आतंकियों के पास मिले पर्चे से भी नई जानकारी सामने आई हैं।
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सप्ताह से लश्कर इसकी साजिश कर रहा था। इस बारे में इंटेलीजेंस को खबर मिली थी और इसी कारण सेना के कैंप पर हमले को लेकर सतर्क किया गया था। करीब 10 दिन पहले आखिरी रिपोर्ट में भी अलर्ट की बात की गई थी, लेकिन कैम्प की सुरक्षा इतनी मजबूत नहीं हो पाई कि इन हमलों को रोका जा सके। सूत्रों के मुताबिक हमलों से पहले आतंकियों ने रैकी भी की थी। खबरों के अनुसार आतंकी सोमवार देर रात ही सांबा के चमलियाल सेक्टर से घुसे थे। गौरतलब है कि यहीं पर बीएसएफ ने 3 आतंकियों को मार गिराया था।
अफजल की फांसी का बदला : आतंकियों के पास से सेना को जो पर्चे मिले हैं उनमें लिखा है, 'अफजल गुरु एक शहीद था और उसकी शहादत को इंतकाम लेने के लिए नगरोटा आतंकी हमला पहली किस्त।' अफजल गुरु संसद हमले का दोषी था और उसे वर्ष 2013 में फांसी दे दी गई थी। आतंकियों के पास खास तरह के कैमिकल मिले हैं।