मोदी ने व्यक्त की मातृ-शिशु मृत्युदर पर चिंता

Webdunia
रविवार, 30 अगस्त 2015 (17:44 IST)
नई दिल्ली। देश में शिशु एवं माता मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रसूति के समय माताओं एवं बच्चों की मृत्यु के आंकड़े चिंताजनक हैं और हमें इस पर ध्यान देना है।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी हमारे देश में हर वर्ष करीब-करीब 50 हजार माताओं और 13 लाख बच्चों की प्रसूति के समय और उसके तत्काल बाद ही मृत्यु हो जाती है। यह चिंताजनक है और डरावना है।
 
उन्होंने कहा कि वैसे इसमें काफी सुधार हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सराहना भी होने लगी है, फिर भी ये आंकड़ा कम नहीं है। जैसे हम लोगों ने पोलियो से मुक्ति पाई, वैसे ही टिटनेस से माताओं और शिशु के मृत्यु से भी मुक्ति पाई गई है। विश्व ने इसको स्वीकारा है, लेकिन हमें अभी भी हमारी माताओं को बचाना है, हमारे नवजात बच्चों को बचाना है।
 
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में भारत में स्वास्थ्य विषय पर हुए ‘कॉल टू एक्शन’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का जिक्र किया जिसमें दुनिया के 24 देशों के लोगों ने चिंतन किया। 
 
डेंगू का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बात सही है कि डेंगू खतरनाक है, लेकिन उसका बचाव बहुत आसान है। और जो मैं स्वच्छ भारत की बात कर रहा हूं, उससे वो सीधा-सीधा जुड़ा हुआ है। पर हम विज्ञापनों को देखते हैं, लेकिन हमारा ध्यान नहीं जाता है। अखबार में विज्ञापन छपता है, लेकिन हमारा ध्यान नहीं जाता है। 
 
उन्होंने कहा कि घरों में छोटी-छोटी चीजों में सफाई, शुद्ध पानी के रखरखाव करने के तरीके हैं। इन बातों में व्यापक लोक-शिक्षा हो रही है, लेकिन हमारा ध्यान नहीं जाता है और कभी-कभी लगता है कि हम तो बहुत ही अच्छे घर में रहते हैं, बहुत ही बढ़िया व्यवस्था वाले हैं और पता नहीं होता है कि हमारे ही घर में कहीं पानी भरा है और हम डेंगू को निमंत्रण दे देते हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मौत को इतना सस्ता नहीं बनने देना चाहिए। जिंदगी बहुत मूल्यवान है। पानी की बेध्यानी, स्वच्छता पर उदासीनता... ये मृत्यु का कारण बन जाएं, ये तो ठीक नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि पूरे देश में करीब 514 केंद्रों पर डेंगू के लिए मुफ्त में जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं। समय रहते ही जांच करवाना जीवन रक्षा के लिए उपयोगी है और इसमें सबका साथ, सबका सहयोग बहुत आवश्यक है।
 
मोदी ने कहा कि जीवन में स्वच्छता को बहुत महत्व देना चाहिए। इन दिनों तो रक्षाबंधन से दिवाली तक एक प्रकार से हमारे देश में उत्सव ही उत्सव होते हैं। हमारे हर उत्सव को स्वच्छता के साथ जोड़ना चाहिए और ये संस्कार अब स्वभाव बन जाएंगे। (भाषा)
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