अतिआत्मविश्वास न डुबो दे 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा की लुटिया...

Webdunia
सोमवार, 10 सितम्बर 2018 (14:11 IST)
भाजपा अब तीन बड़े राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव 2019 के लिए रणनीति तैयार कर रही है, लेकिन SC/ST एक्ट के संशोधन पर सवर्णों की नाराजगी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम उसके लिए कहीं परेशानियां न खड़ी कर दें।
 
SC/ST एक्ट पर भाजपा अपने रुख पर कायम है, जबकि 6 सितंबर को इस मुद्दे पर बुलाए गए बंद का सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार में देखने को मिला। तेल की बढ़ती कीमतों और गिरते रुपए पर भी मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। 
 
इन मुद्दों से इतर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का भाजपा कार्यकारिणी की बैठक कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा जीतेगी और 2019 के बाद 50 साल तक पार्टी को हराने वाला कोई नहीं होगा। यह बयान भाजपा के अतिआत्मविश्वास को दर्शाता है। 
 
2019 में लोकसभा चुनाव के पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा को चुनावी मैदान में उतरना है। इन तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार है, लेकिन इन राज्यों में उसकी राह आसान नजर नहीं आ रही है।
 
SC/ST एक्ट पर संशोधन पर भाजपा को विरोध मध्यप्रदेश में देखने को मिला। राजस्थान में भी भाजपा की राह आसान नजर नहीं आ रही है। छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के समीकरण गड़बड़ा रहे हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख