कौन है वो ‘रहस्‍यमयी हिमालयन बाबा’ जिसके कहने पर NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्‍ण लेती थी लाखों- करोड़ों के फैसलें

चित्रा रामकृष्‍ण के बहाने याद आया चंद्रास्‍वामी और ब्रिटेन की आयरन लेडी मार्गरेट थैचर का कनेक्‍शन

नवीन रांगियाल
आपको हैरानी होगी, बहुत हैरानी जब आप सुनेंगे कि हाई प्रोफाइल पढ़ी लिखी महिला और NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण हिमालय के किसी योगी बाबा को जानकारी शेयर करती थीं। ऐसी उम्‍मीद कम पढ़-लिखों से की जा सकती है, लेकिन ये कैसे हो सकता है कि कोई हाईली एज्‍युकेटेड किसी बाबा या योगी से इतना प्रभावित हो जाए कि नियम-कायदे ही तोड़ दे।

हालांकि इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि वो हिमालयन बाबा कौन है, जिससे चित्रा रामकृष्‍ण का इतना गह‍रा कनेक्‍शन है।   

इसे ठीक से समझने के लिए आपको थोड़ा सा फ्लेशबैक में जाना होगा।
माथे पर बड़ा तिलक, गले में रुद्राक्ष की मालाएं और हाथ में लाठी। नाम था चंद्रास्‍वामी। एक वक्‍त था जब इस नाम से अखबार भरे होते थे और टीवी न्‍यूज चैनल में इनकी चर्चाएं होती थीं। इस नाम के साथ एक और नाम था, ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री और आयरन लेडी के नाम से मशहूर मार्गरेट थैचर। थैचर पर चंद्रास्‍वामी का जादू सा चला हुआ था। वो सिर्फ एक बार उनसे मिली और इतनी प्रभावित हो गई कि उनके पीछे पीछे भागने लगी थी।

मीडि‍या रिपोर्ट के मुताबि‍क नटवर सिंह ने अपनी कि‍ताब 'वॉकिंग विद लायन्‍स- टेल्‍स फ्रॉम अ डिप्‍लोमेटिक पास्‍ट'  में भी इस बारे में जिक्र किया है। इसमें लिखा है कि चंद्रास्‍वामी ने आयरन लेडी मार्गरेट थैचर से मिलने की इच्‍छा जाहिर की थी, जिसके बाद उन्‍होंने थैचर से मुलाकात करवाई।

इस एक मुलाकात के बाद कहा जाता है कि मार्गरेट थैचर इतनी प्रभावित हुई कि इस बार खुद उन्‍होंने चंद्रास्‍वामी से मिलने का समय मांगा था।

कहा जाता है कि चंद्रास्‍वामी ने उन्‍हें बताया था कि थैचर चार साल में पीएम बनेंगी और उनका कार्यकाल 9, 11 या 13 साल का होगा। उनकी भविष्‍यवाणी सही साबित हुई थी।

तो चंद्रास्‍वामी जैसे तांत्र‍िक से ब्रि‍टेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर जैसी महिला प्रभावित हो सकती है तो ऐसे दूसरे उदाहरण भी अगर सामने आते हैं तो हैरानी नहीं होना चाहिए।

अब वर्तमान में लौटकर बात करते हैं NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण और अज्ञात रहस्‍यमयी हिमालयन बाबा या योगी की।

चित्रा रामकृष्ण पर अपने एक अध्यात्मिक गुरु से कारोबार की गोपनीय जानकारी साझा करने का आरोप लगा है। जानकारी सामने आ रही है कि ये अध्यात्मिक गुरु हिमालय का एक अदृश्य और रहस्‍यमय योगी है। इन्हीं के कहने पर चित्रा रामकृष्ण ने आनंद सुब्रमण्यम को NSE में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया था। हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण के मुंबई के निवास पर इनकम टैक्स की रेड हुई है।

कौन हैं आध्‍यात्‍मिक शक्‍ति शि‍रोमणि?
रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी एवं सीईओ थीं। जिनके साथ जानकारी शेयर करने के आरोप लगे हैं, उस रहस्‍यमयी योगी को वे सिरोमणि कहती थीं, जो उनके मुताबिक एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। रामकृष्ण के अनुसार यह अज्ञात व्यक्ति या योगी कथित रूप से एक आध्यात्मिक शक्ति थी, जो अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकती थी। बता दें कि इसी रहस्‍यमयी बाबा की वजह से चित्रा रामकृष्‍ण ने लाखों और करोडों रुपयों के फैसले लिए थे।

करोड़ों का जुर्माना
सेबी ने अपने 190 पन्नों के आदेश में पाया कि योगी ने उन्हें सुब्रमण्यम को नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने रामकृष्ण और सुब्रमण्यन के साथ ही एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि नारायण तथा अन्य पर भी जुर्माना लगाया। नियामक ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), नारायण और सुब्रमण्यन पर 2-2 करोड़ रुपये तथा वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिये रोक दिया।

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