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कौन हैं नीना गुप्‍ता जिन्‍हें गणि‍त के लिए मिला सबसे प्रतिष्‍ठ‍ित रामानुजन अवॉर्ड

हमें फॉलो करें कौन हैं नीना गुप्‍ता जिन्‍हें गणि‍त के लिए मिला सबसे प्रतिष्‍ठ‍ित रामानुजन अवॉर्ड
, सोमवार, 20 दिसंबर 2021 (12:06 IST)
हाल ही में इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI), कोलकाता में मैथ की प्रोफेसर नीना गुप्ता को गणित के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक रामानुजन पुरस्कार मिला है।

इस पुरस्कार को रामानुजम प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन कहा जाता है। अलजेब्रिक जियोमेट्रो और कम्यूटेटिव अल्जेब्रा में शानदार कार्य के लिए नीना गुप्ता को ‘विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार’ दिया गया है।

बता दें कि प्रो नीना गुप्ता यह सम्मान पाने वाली तीसरी महिला हैं। वहीं, अब तक चार भारतीयों को यह पुरस्कार मिल चुका है। मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार, प्रो नीना गुप्ता को यह पुरस्कार मिलने के बाद इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) का मान बढ़ा है। कारण कि अब तक जिन चार भारतीयों को रामानुजन पुरस्कार मिला है, उनमें से तीन ISI के ही फैकल्टी मेंबर हैं।

क्या है रामानुजन पुरस्कार?
गणित के क्षेत्र में रामानुजम पुरस्कार की गिनती दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में होती है। यह पुरस्कार हर साल विकासशील देशो के युवा गणितज्ञों को दिया जाता है। उनकी उम्र 45 वर्ष से कम होनी चाहिए।

महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में वर्ष 2005 में इस पुरस्कार की शुरुआत हुई थी और तब से हर साल यह सि​लसिला चला आ रहा है। इसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है। यह पुरस्कार इटली में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक भौतिकी केंद्र द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसके लिए फंड अल्बेल फंड के माध्यम से प्रदान किए जाते है।

प्रो नीना गुप्ता कोलकाता की हैं। यहीं जन्मी और यहीं पली-बढ़ीं प्रो नीना की स्कूलिंग खालसा हाई स्कूल से हुई। फिर उन्होंने बेथ्यून कॉलेज में मैथ ऑनर्स से बीएससी किया। उन्होंने इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) से ही गणित में मास्टर्स और फिर पीएचडी की। वे यहीं फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं।

नीना गुप्ता को साल 2019 में शांति स्वरूप भटनागर प्राइज फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से भी सम्मानित किया जा चुका है. इससे पहले वर्ष 2014 में अलजेब्रिक जियोमेट्रो के फील्ड में Zariski cancellation problem को सॉल्व करने के लिए भी उन्हें नेशनल साइंस एकेडमी की तरफ से यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से नवाजा गया था।

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