लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित नीरज चोपड़ा, जानिए कितनी होगी सैलरी और क्या मिलेंगी सुविधाएं

WD Feature Desk
गुरुवार, 15 मई 2025 (17:40 IST)
neeraj chopra lieutenant colonel: भारतीय खेलों के सुनहरे अध्याय में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराने वाले नीरज चोपड़ा सिर्फ एक एथलीट नहीं, बल्कि देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी हैं। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में भारत को पदक दिलाकर उन्होंने जो मिसाल कायम की है, वह अतुलनीय है। हाल ही में, नीरज को भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है, जिसने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। लेकिन, इस नई भूमिका में नीरज को क्या मिलेगा? क्या उन्हें लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर वेतन मिलेगा और क्या उन्हें कोई सैन्य प्रशिक्षण लेना होगा? आइए, इन सभी सवालों के जवाब तथ्यों और आंकड़ों के साथ समझते हैं।

सेना में नीरज का सफ़र: नायब सूबेदार से मानद लेफ्टिनेंट कर्नल तक
नीरज चोपड़ा का सेना से जुड़ाव नया नहीं है। वर्ष 2016 में, उन्हें भारतीय सेना में नायब सूबेदार के रूप में भर्ती किया गया था। यह उनकी खेल प्रतिभा को पहचान देने और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट (ASI), पुणे में उन्होंने अपनी खेल संबंधी ट्रेनिंग ली, जो उनके प्रदर्शन को निखारने में सहायक सिद्ध हुई। उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए, उन्हें बाद में सूबेदार मेजर के पद तक भी पदोन्नत किया गया। और अब, इस नवीनतम सम्मान के रूप में, उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से नवाजा गया है।

क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी और मानद रैंक का मतलब?
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना का एक स्वैच्छिक हिस्सा है, जिसे "नागरिकों की सेना" भी कहा जाता है। यह नियमित सेना को आवश्यकता पड़ने पर सहायता प्रदान करती है। इसमें शामिल होने वाले लोग अपने मुख्य पेशे को जारी रखते हुए देश सेवा करते हैं।

"मानद उपाधि" का अर्थ है कि नीरज चोपड़ा को यह रैंक उनके असाधारण योगदान और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के सम्मान में दी गई है। यह एक प्रतीकात्मक पदवी है, जो उन्हें सेना के साथ गहरा जुड़ाव प्रदान करती है। इस मानद रैंक के लिए उन्हें किसी अतिरिक्त सैन्य प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उनकी भूमिका मुख्य रूप से युवाओं को प्रेरित करना, सेना के प्रचार में योगदान देना और विभिन्न समारोहों में हिस्सा लेना होगी।

लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज चोपड़ा: कितनी मिलेगी सैलरी और क्या होंगी सुविधाएं?
यह सबसे अहम सवाल है जिस पर अक्सर चर्चा होती है। यहां हमें मानद रैंक और नियमित सैन्य अधिकारियों के बीच के अंतर को समझना होगा:

1. वेतन (Salary):
नियमित अधिकारी: टेरिटोरियल आर्मी में नियमित रूप से सेवारत लेफ्टिनेंट कर्नल को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत अच्छी सैलरी और अन्य भत्ते मिलते हैं। एक लेफ्टिनेंट कर्नल का मासिक वेतन लगभग ₹1,18,500 से ₹2,14,100 (पे मैट्रिक्स लेवल 11ए) तक हो सकता है, जो सेवाकाल और अन्य भत्तों पर निर्भर करता है।
मानद रैंक धारक : मानद रैंक वाले व्यक्तियों को आमतौर पर नियमित मासिक वेतन नहीं दिया जाता है, क्योंकि वे सक्रिय सेवा (active service) में नहीं होते। उनकी भूमिका प्रतीकात्मक और प्रेरणादायक होती है।
विशेष स्थिति: हालांकि, यदि नीरज चोपड़ा को भविष्य में कभी किसी विशिष्ट सैन्य प्रशिक्षण या विशेष ड्यूटी के लिए बुलाया जाता है (जोकि खेल संबंधी नहीं हो), तो उन्हें उस अवधि के लिए नियमित सैन्य अधिकारी के समान वेतन और सुविधाएं मिल सकती हैं। लेकिन, यह केवल उस समय तक के लिए होगा जब तक वे 'ऑन ड्यूटी' रहेंगे। इसकी आधिकारिक पुष्टि संबंधित अथॉरिटीज द्वारा ही की जाती है।

2. अन्य सुविधाएं:
वर्दी का अधिकार: नीरज चोपड़ा को सेना की वर्दी पहनने का अधिकार होगा, जिससे वे सेना के विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों में गर्व के साथ शामिल हो सकेंगे।
कैंटीन सुविधाएं (CSD): उन्हें कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) की सुविधाएं मिल सकती हैं, जहां रियायती दरों पर उत्पाद उपलब्ध होते हैं।
चिकित्सा सुविधाएं: कुछ हद तक उन्हें सेना की चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं।
समारोहों में भागीदारी: वे सेना से जुड़े विभिन्न समारोहों, परेडों और आयोजनों में विशेष अतिथि या सम्मानित सदस्य के रूप में शामिल हो सकेंगे, जिससे युवाओं को सेना में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी।

3. पेंशन :
टेरिटोरियल आर्मी में पेंशन के लिए, अधिकारियों को कम से कम 20 साल की सक्रिय सेवा पूरी करनी होती है। चूंकि नीरज चोपड़ा की रैंक मानद है और वे सक्रिय सेवा में नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस रैंक के आधार पर पेंशन नहीं मिलेगी।

नीरज चोपड़ा की ऐतिहासिक उपलब्धियां
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में भाला फेंक में 87.58 मीटर का थ्रो कर देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था। उनकी इस उपलब्धि से भारत का 100 साल का इंतजार खत्म हुआ और देश को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक गोल्ड हासिल हुआ। इसके बाद, 2024 पेरिस ओलंपिक में उन्होंने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। इस तरह नीरज दो ओलंपिक मेडल जीतने वाले पांचवें भारतीय एथलीट बने।

 

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