नई दिल्ली। सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अरबपति जौहरियों नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी द्वारा कथित रूप से की गई 12,636 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के सिलसिले में रविवार को 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नीरव मोदी समूह की कंपनियों के 2 कर्मचारियों और एक ऑडिटर को गिरफ्तार किया जबकि चौकसी के स्वामित्व वाली गीतांजलि समूह की कंपनियों के एक निदेशक को भी हिरासत में लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि नीरव मोदी के स्वामित्व वाली फायरस्टार्टर इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम (ऑपरेशन) मनीष के. बोसमिया और तत्कालीन वित्त प्रबंधक मितेन अनिल पंड्या को पंजाब नेशनल बैंक को फर्जी तरीके से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) के लिए जमा किए गए आवेदन तैयार करने में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। चार्टर्ड अकाउंटेंसी कंपनी संपत एंड मेहता, मुंबई में साझेदार ऑडिटर संजय रंभिया को भी गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने मेहुल चौकसी की कंपनी गिली इंडिया के तत्कालीन निदेशक ए. शिव रमण नायर को भी गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने कहा कि यह आरोप है कि गीतांजलि समूह की कंपनियों के निदेशकों में से एक होने के अलावा वह कथित एलओयू और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी करने के लिए पीएनबी में जमा अर्जियों के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था। यह आरोप है कि चौकसी और नीरव मोदी ने फर्जी दावों के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के पक्ष में 12,636 करोड़ रुपए के एलओयू और एफएलसी जारी करा लिए।
पीएनबी के आरोपी अधिकारियों ने जांच से बचने के लिए इन एलओयू और एफएलसी के लिए निर्देश अपने आंतरिक सॉफ्टवेयर में नहीं डाले। इन्हें बैंकिंग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मैसेजिंग प्रणाली के जरिए भेजा गया जिसे 'स्विफ्ट' कहा जाता है। इसका इस्तेमाल बैंकों के बीच वैश्विक रूप से धनराशि अंतरण के लिए निर्देश जारी करने की खातिर किया जाता है। (भाषा)