महबूबा ने कहा- हां, पत्थरबाजों को उकसाया जाता है

Webdunia
सोमवार, 24 अप्रैल 2017 (10:26 IST)
जम्मू और कश्मीर में खराब होती सुरक्षा की स्थिति और पीडीपी-भाजपा गठबंधन में तल्खी के बीच राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। नरेंद्र मोदी से मिलकर महबूबा ने संवाददाताओं से कहां कि हमने जम्मू और कश्मीर के हालात के बारे में, पत्थरबाजी के मुद्दे पर और सिंधु जल समझौते पर बात की।
 
वॉट्सप ग्रुप पर पत्थरबाजों को उकसाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हां, पत्थरबाजों को उकसाया जाता है। विदेशों से सोशल मीडिया के माध्यम से उकसाया जाता है। विदेशी सोशल मीडिया के माध्यम से कश्मीर के युवाओं को जानबूझकर भड़काया जाता है। 

दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने बताया कि राज्य में गठबंधन और राज्य के हालात को लेकर बातचीत हुई। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैंने पीएम मोदी से कहा कि किसी न किसी लेवल पर बातचीत जरूरी है। महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में बातचीत शुरू करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बातचीत से ही समस्या का हल होगा। पत्थरबाजी और गोली के बीच बातचीत नहीं हो सकती। पहले हमें माहौल को सुधारना होगा तभी आगे बढ़ा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वाजपेयीजी कि जो नीति है उससे ही कश्मीर का हल होना है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी ने अपील की कि जहां तक वाजपेयी जी ने कोशिश की थी उसके आगे बढ़ना चाहिए। इसके लिए आगे माहौल बनाना होगा।

महबूबा ने प्रधानमंत्री को बताया कि केन्द्र को राज्य के कल्याण के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। महबूबा ने कहा, 'बातचीन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।' राज्य की सत्ता संभाल रही पीडीपी और भाजपा पथराव की बढ़ती घटनाओं से निपटने के तौर तरीकों पर समान राय नहीं रखते जिसके कारण दोनों पार्टियों के बीच तल्खी आई है।

मोदी से मुलाकात के दौरान महबूबा ने कश्मीर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की नीति का जिक्र किया और कहा कि सिरे को वहीं से पकड़ना चाहिए जहां पर वह छूटा था। यह स्पष्ट रूप से अलगाववादियों से बातचीत का सुझाव था।
 
महबूबा ने कहा, 'आप कितने लंबे समय तक टकराव कर सकते हैं...बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।' उन्होंने कहा, 'बहरहाल बातचीत के लिए वातावरण तैयार किए जाने की जरूरत है।' प्रधानमंत्री के आवास में 20 मिनट चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मोदी को घाटी के हालात खासतौर पर श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में नौ अप्रैल को उपचुनाव के बाद हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर जानकारी दी।
 
बैठक के दौरान कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के तौर तरीके पर पीडीपी और भाजपा गठबंधन में आए तनाव पर भी चर्चा हुई। पथराव की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कुछ युवा हैं जिन्हें 'भ्रमित' किया गया। वहीं कुछ को व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उकसाया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा शुरू की गई बातचीत ही कश्मीर समस्या का एकमात्र हल है। उन्होंने सिंधु नदी जल समझौते का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इससे राज्य को काफी नुकसान हो रहा है। महबूबा ने कहा कि इससे राज्य की भरपाई कैसे हो सकेगी यह देखने का मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है।

महबूबा मुफ्ती ने बताया कि सिंधु जल समझौते से कश्मीर को नुकसान है। पीएम मोदी ने इस पर विचार करने की बात कही।
 
जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन के सवाल पर उन्होंने कहा कि गर्वनर रूल पर केंद्र को फैसला लेना है।
 
कश्मीर में हिंसा के ताजा उभार से आलोचना का सामना कर रहीं महबूबा के मोदी के साथ राज्य में मौजूदा स्थिति और आगे के रास्ते पर चर्चा करने की। उनके, कश्मीर के लोगों खासकर युवाओं के बीच अलगाव की भावना के समाधान के लिए केंद्र से कुछ राजनीतिक कदमों पर दबाव बनाया।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद महबूबा मुफ्ति गृहमंत्री राजनाथसिंह से मिलने पहुंची। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि जम्मू-कश्मीर में आगामी 2-3 महीनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

भाजपा के मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने हाल ही में कड़ी कार्रवाई की बात की थी। उन्होंने कहा था, 'देशद्रोहियों और पथराव करने वालों का गोलियों से जवाब दिया जाना चाहिए।' उनके इस बयान पर पीडीपी ने नाराजगी जताई थी।
 
पीडीपी के वरिष्ठ नेता पीरजादा मंसूर ने बाद में एक बयान में कहा था, 'इस तरह के बयान न सिर्फ राज्य के कुछ कट्टर नेताओं की घृणित मानसिकता को दर्शाते हैं बल्कि खास तत्वों की मंशा का भंड़ाफोड़ भी करते हैं जो चाहते हैं कि कश्मीर में नई मुसीबत पैदा हो और कश्मीरी शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ जाएं।'
 
पार्टियों के बीच तनाव के मद्देनजर भाजपा नेता राम माधव ने पीडीपी सदस्य हासिब द्राबू से जम्मू में पिछले शुक्रवार को मुलाकात की थी। उसके बाद माधव ने गंगा से मुलाकात की जिसके बाद गंगा ने अपने विवादास्पद बयान के लिए माफी मांगी थी।

महबूबा की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में हालिया उपचुनाव की पृष्ठभूमि में भी हुई जहां बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और अब तक का सबसे कम मतदान हुआ। वर्ष 2014 के आम चुनाव के करीब तीन साल बाद पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस के हाथों यह सीट गंवा दी। उल्लेखनीय है कि वहां फारुख अब्दुल्ला ने पत्‍थरबाजों का समर्थन किया था। 
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