मुआवजे के लिए Covid के नाम पर झूठे दावे, SC ने कहा- कभी सोचा न था कि ‘नैतिकता’ इतना नीचे गिर सकती है

Webdunia
सोमवार, 14 मार्च 2022 (20:19 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को मिलने वाली 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि पाने के लिए झूठे दावों पर सोमवार चिंता जताई और कहा कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इसका ‘दुरुपयोग’किया जा सकता है और उसे लगता था कि ‘नैतिकता’ का स्तर इतना नीचे नहीं गिर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले की जांच महालेखाकार कार्यालय को सौंप सकता है।
 
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा कि हमने कभी उम्मीद नहीं की थी और कभी सोचा नहीं था कि इसका भी दुरुपयोग किया जा सकता है। यह शुचिता का काम है और हमने सोचा था कि हमारी नैतिकता इतनी नीचे नहीं गिरी है कि इसमें कुछ झूठे दावे भी होंगे। हमने यह कभी सोचा नहीं था।
 
पीठ ने मुआवजा देने के लिए दिए जा रहे कोविड-19 से मौत के फर्जी प्रमाण-पत्रों पर पिछले सप्ताह चिंता जताई थी और कहा था कि वह इस मुद्दे की जांच का आदेश दे सकता है। पीठ ने कहा था कि अगर ऐसे फर्जी दावों में अधिकारी शामिल है तो यह ‘बहुत गंभीर बात’है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने पहले सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) के सदस्य सचिव के साथ समन्वय करने के लिए एक समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त करें ताकि कोविड​​-19 पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को मुआवजे का भुगतान किया जा सके।
सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि दो तरह के सुझाव आए है कि उच्चतम न्यायालय कुछ अंतिम सीमा तय करने पर विचार कर सकता है ताकि जो भी आवेदन करना चाहता है, वह निश्चित समयसीमा में आवेदन कर सकता है।
 
पीठ ने मेहता से कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख पर उसने प्राधिकारियों से इस संबंध में उचित आवेदन देने को कहा था। मेहता ने कहा कि वह मंगलवार को आवेदन देंगे और न्यायालय बुधवार को सुनवाई कर सकती है।
 
पीठ ने मेहता से कहा कि प्राधिकारी को आवेदन में फर्जी दावों के मुद्दे पर भी कुछ कहने की आवश्यकता है। इस पर सॉलीसिटर जनरल ने कहा, ‘इसे शामिल किया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 21 मार्च तय कर दी।
 
सुप्रीम कोर्ट गौरव बंसल और अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कोविड​​-19 पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह सहायता राशि देने का अनुरोध किया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

अमेरिका ने बंकर बस्टर बम से तबाह की न्यूक्लियर साइट्स, ट्रंप ने कहा ईरान में शांति होगी या त्रासदी

ईरान-इजराइल युद्ध का भारत के व्यापार पर क्‍या होगा असर, विशेषज्ञों ने जताई यह राय

अमेरिका का B2 स्टिल्थ बॉम्बर से 3 ईरानी न्यूक्लियर साइट्स पर हमला, जानिए कितना है खतरनाक?

राजा रघुवंशी मर्डर केस में सिलोम जेम्स गिरफ्तार, गायब किया था सोनम का बैग

ईरानी परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमले के बाद बोले नेतन्याहू, शक्ति से ही शांति आती है

सभी देखें

नवीनतम

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ईरान की मदद को तैयार, अमेरिकी हमलों की निंदा की

Israel-Iran Conflict : 40 मिनट तक ईरानी मिसाइलों का इजराइल में तांडव, रोंगटे खड़े करने वाला वीडियो, एविन जेल में तबाही

Israel-Iran War से निर्यातकों को बड़ा झटका, 1 लाख टन बासमती चावल बंदरगाहों पर अटका

Gold : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में इतनी गिरावट, क्या इजराइल-ईरान युद्ध का असर

क्यों आई लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ की दोस्ती में दरार, क्या होने वाला है गैंगवार, लीक Audio में कितनी सचाई

अगला लेख