New Education Policy 2020: नई शिक्षा नीति 2020 की 10 बड़ी बातें जो हर कोई जानना चाहता है

Webdunia
शुक्रवार, 31 जुलाई 2020 (15:20 IST)
भारत में 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) का वरिष्ठ शिक्षाविदों ने स्वागत किया तो किया है, लेकिन कुछ मुद्दों पर सवाल भी उठाए हैं। आइए जानते हैं कितनी कारगर होगी यह शिक्षा नीति... 
 
1. नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने की बात कही गई है, काफी हद तक यह अच्छा भी है। लेकिन, विशेषज्ञों की मानें तो यह निर्णय आवासीय स्कूलों पर लागू नहीं होना चाहिए, जहां भारत के सभी हिस्सों से बच्चे आते हैं और सबकी मातृभाषाएं भाषाएं भी अलग-अलग होती हैं। इसके साथ यह स्थिति रक्षाकर्मियों के बच्चों के लिए भी मुश्किल पैदा कर सकती है, जिनका हर तीन साल में देश के किसी भी हिस्से में स्थानांतरण हो जाता है। 
 
2. नई नीति में सरकार ने एक बहुत ही अच्छा कदम उठाया है। इसके चलते अब शिक्षक गैर शिक्षण कार्य- जनगणना, चुनाव, सर्वे आदि कार्यों से मुक्त हो जाएंगे। इसका सकारात्मक असर शिक्षा में देखने को मिलेगा। क्योंकि इस अवधि में शिक्षक शिक्षण कार्य नहीं कर पाते। 
 
3. शिक्षाविदों ने शिक्षा नीति की इस बात को भी सराहा है कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए देशभर में एक ही प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। नि:संदेह यह एक अच्छा विचार है, जो कि विद्यार्थियों के हित में है।
 
4. नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल करने की बात कही गई है। इसका फायदा छात्रों को मिलेगा, जो कि उन्हें भविष्य में रोजगार दिलाने में भी सहायक हो सकता है। 
 
5. सॉफ्ट स्किल को शिक्षा में शामिल करने की बात को भी शिक्षाविदों ने सराहा है, साथ ही यह सवाल भी उठाया है कि इसे कैसे प्रदान किया जाएगा। इसे और ज्यादा स्पष्ट करने की जरूरत है।
 
6. गणित और अन्य कठिन विषयों को दो स्तरों पर पढ़ाया और परखा जाएगा। इससे निश्चित ही छात्रों को राहत मिलेगी, जो कि स्वागत योग्य कदम है। 
 
7. नई शिक्षा नीति के तहत अब बीएड कॉलेज बंद हो जाएंगे। इससे जुड़ी शिक्षा अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रदान की जाएगी। इस निर्णय को भी शिक्षा से जुड़े लोगों ने सराहा है। 
 
8. शिक्षाविदों की मानें तो नई शिक्षा नीति में पाठ्य पुस्तकों के चयन पर नीति स्पष्ट नहीं है, जो कि सही नहीं है। इसे और स्पष्ट होना चाहिए। 
 
9. बोर्ड परीक्षा में सुधार के लिए एक ही वर्ष में दूसरा मौका उपलब्ध करवाने का कदम अच्छा। यह नीति ब्रिटेन में भी अच्छा काम कर रही है। इससे किसी कारणवश यदि छात्र एक बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है तो उसे दूसरा मौका मिलेगा और वह आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होगा। 
 
10. लाइब्रेरी, लैब, शौचालय (वॉशरूम), बिजली, कंप्यूटर, विद्यार्थियों के लिए आवास जैसी आधारभूत सुविधाओं की बात करना उत्तम विचार है। चीन में यह नीति काफी सफल रही है। इसके साथ ही शिक्षकों को ट्रेनिंग, छात्र-शिक्षक अनुपात, सर्टिफिकेट कोर्सेस, सेमेस्टर मूल्यांकन आदि की भी शिक्षाविदों ने सराहना की है। 
 
हालांकि सरकार की यह शिक्षा नीति अभी जमीन पर उतरना बाकी है। इसे किस हद तक सफलता मिलेगी यह लागू होने के बात ही पता चल पाएगा। फिलहाल तो इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पक्षों पर बहस हो सकती है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख