घटेगी हाथ में आने वाली सैलरी, Labour Codes लागू करने की तैयारी में केंद्र सरकार

Webdunia
रविवार, 6 जून 2021 (19:27 IST)
नई दिल्ली। आगामी कुछ माह में चारों श्रम संहिताएं (labor codes) लागू हो जाएंगी। केंद्र सरकार इन कानूनों के क्रियान्वयन पर आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है। ये कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन (टेक होम) घट जाएगा, वहीं साथ ही कंपनियों की भविष्य निधि (PF) की देनदारी बढ़ जाएगी। वेतन संहिता लागू होने के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन और भविष्य निधि की गणना के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव आएगा।
ALSO READ: New Wage Code Bill 2021 : आपकी salary का नया सिस्टम! 1 अप्रैल से हो सकता है लागू, जानिए प्राइवेट कर्मचारियों पर क्या होगा असर
श्रम मंत्रालय इन चार संहिताओं....औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा कार्यस्थिति को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहता था। इन चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा।
 
मंत्रालय ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप भी दे दिया था, लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका, क्योंकि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं थे।
 
भारत के संविधान के तहत श्रम समवर्ती विषय है। ऐसे में इन चार संहिताओं के तहत केंद्र और राज्यों दोनों को इन नियमों को अधिसूचित करना होगा, तभी संबंधित राज्यों में ये कानून अस्तित्व में आएंगे।
 
एक सूत्र ने पीटीआई से कहा कि कई प्रमुख राज्यों ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है। कुछ राज्य इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं। केंद्र सरकार हमेशा इस बात का इंतजार नहीं कर सकती कि राज्य इन नियमों को अंतिम रूप दें। ऐसे में सरकार की योजना एक-दो माह में इन कानूनों के क्रियान्वयन की है क्योंकि कंपनियों और प्रतिष्ठानों को नए कानूनों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा।
 
सूत्र ने बताया कि कुछ राज्यों ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है। इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड शामिल हैं।
 
नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 प्रतिशत पर सीमित रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 प्रतिशत मूल वेतन होगा। भविष्य निधि की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर की जाती है। इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है।
 
अभी नियोक्ता वेतन को कई तरह के भत्तों में बांट देते हैं। इससे मूल वेतन कम रहता है, जिससे भविष्य निधि तथा आयकर में योगदान भी नीचे रहता है। नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान कुल वेतन के 50 प्रतिशत के हिसाब से तय किया जाएगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

PM मोदी को पसंद आया खुद का डांस, एक्स पर किया कमेंट

राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र, पढ़िए क्या सलाह दी

PM मोदी ने संविधान को बदलने और खत्म करने का मन बना लिया : राहुल गांधी

LG ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ की NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी संगठन से पैसा लेने का आरोप

Lok Sabha Elections 2024: क्या वाकई 2 चरणों में कम हुई वोटिंग, SBI की Research रिपोर्ट में सामने आया सच

तीसरे चरण में रात 8 बजे तक 60% से ज्यादा वोटिंग, महाराष्ट्र में सबसे कम

बंगाल में 25000 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने पर SC ने लगाई रोक, CBI को कहा- जल्दबाजी में न करे कार्रवाई

हरियाणा में 3 निर्दलीय MLA ने छोड़ा नायब सैनी सरकार का साथ

बंगाल में भारी बारिश के चलते 12 लोगों की मौत, सीएम ममता ने की संवेदना व्यक्त

सुरक्षा बलों को मिली अहम सफलता, 10 लाख के इनामी आतंकी बासित डार को 3 साथियों के साथ मार गिराया

अगला लेख