मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो अरब डॉलर की पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दाखिल किया है।
ईडी ने कहा कि बैंकों से धोखाधड़ी कर लिए गए 6,400 करोड़ रुपए से अधिक के ॠण की राशि को उसने तथा अन्य ने डमी कंपनियों के माध्यम से जायज कमाई साबित करने का प्रयास किया। यह आरोप लगाया गया है कि ऐसे धन में से 5 करोड़ डॉलर मोदी के पिता दीपक मोदी को अंतरित किए गए।
ऐसा कहा जात है कि वह बेल्जियम के एंटवर्प में है। अधिकारियों के अनुसार मनीलांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत करीब 12,000 पृष्ठ का आरोप पत्र विशेष अदालत के समक्ष दायर किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अदालत आरोप पत्र पर जल्दी ही संज्ञान लेगी। आरोप पत्र में कुल 24 आरोपियों के नाम हैं। इसमें नीरव मोदी, उसके पिता, भाई नीशाल मोदी, बहन पूर्वी मोदी, रिश्तेदार मयंक मेहता तथा डिजाइनर जूलर्स कंपनी मेसर्स सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स तथा डायमंड्स आरएस शामिल हैं।
ईडी ने कहा, इन कंपनियों तथा मोदी की फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनी ने धोखाधड़ी कर गारंटी पत्रों (एलओयू) के जरिए 6,498 करोड़ रुपए प्राप्त किए। ये गारंटी पत्र पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुंबई में ब्राडी हाउस शाखा से प्राप्त किए गए।
इसमें कहा गया है कि प्राप्त कोष में कुछ का उपयोग विदेशी कंपनियों को भुगतान तथा पूर्व के गारंटी पत्रों के जरिए लिए कर्ज के भुगतान में किया गया। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा, जांच से यह पता चला कि हांगकांग, दुबई और अमेरिका की 17 विदेशी कंपनियों को फर्जी निर्यात और आयात के नाम पर भुगतान किए गए।
ईडी के अनुसार, जांच में खुलासा हुआ कि ये सभी विदेशी कंपनियां नीरव मोदी की ‘डमी’ कंपनियां थीं। इन कंपनियों के जो निदेशक और शेयरधारक थे, वे सभी ‘डमी’ थे। साथ ही इसके कर्मचारी फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज के पूर्व कर्मचारी थे।
ये नीरव मोदी और उसके भरोसेमंद अधिकारी श्याम सुंदर वधवा (फायर स्टार के उपाध्यक्ष) तथा आदित्या नानावती तथा मिहिर भंसाली (अमेरिका में रह रहे नीरव मोदी के भागीदार) तथा साजु पोलोस थे। वधवा को इस मामले में ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुका है।
ऐसी संभावना है कि निदेशालय नीरव मोदी के मामा और जौहरी मेहुल चोकसी तथा उसकी कंपनियों के खिलाफ दूसरा आरोप पत्र दाखिल करेगा। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में दो आरोप पत्र दाखिल किए थे। नीरव मोदी फरार है और मामले में अब तक ईडी की जांच में शामिल नहीं हुआ है। उसके तथा अन्य के खिलाफ विभिन्न आपराधिक कानूनों के तहत जांच चल रही है।
इन सभी पर पीएनबी के कुछ अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ 13,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। दोनों आपराधिक मामला दर्ज होने से पहले देश छोड़कर फरार हो गए। (भाषा)