नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाएगा। आरोपी मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ अपना फैसला सुनाएगी।
एक अन्य दोषी ने अभी तक कोई पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में आरोपियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। आरोपियों के वकील ने कहा है कि सभ्य समाज में फांसी की कोई जगह नहीं है, जो व्यक्ति के जीने का अधिकार छीन लेती है।
सुप्रीम कोर्ट इन तर्कों को पहले ही खारिज कर चुका है। तीनों आरोपियों ने अदालत के समक्ष गुहार लगाई है कि वह कोई पेशेवर अपराधी नहीं हैं, बल्कि बेहद गरीब पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोपी मुकेश की याचिका का विरोध किया था। आपको बता दें कि निर्भया केस में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 2017 के अपने फैसले में सभी आरोपियों की मौत की सजा को बरकरार रखा था।
निर्भया के लिए देशभर से उठी थी इंसाफ की आवाज : 16 दिसबंर 2012 को दिल्ली में पैरामैडिकल की छात्रा निर्भया के साथ आरोपियों ने चलती गाड़ी में गैंगरेप किया था। बलात्कार करने के बाद बुरी तरह से मारपीट के बाद दिल्ली के महिपालपुर में उसे सड़क किनारे फेंक दिया था। 29 दिसंबर, 2012 को निर्भया की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। निर्भया की आवाज के लिए देशभर में लोग सड़कों पर निकल आए थे। एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक आरोपी नाबालिग था, जिसे तीन साल तक सुधार गृह में रखे जाने के बाद रिहा कर दिया गया।