नागपुर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मेरे दोस्त और कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जाऊं। इस पर मैंने कहा कि मेरी विचारधारा उससे मेल नहीं खाती है। मैं कुएं में कूद जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकता।
गडकरी ने कहा कि यह उस दौर की बात है, जब मैं छात्र नेता था और भाजपा को अक्सर हार का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि जब आपको सफलता मिलती है और उसकी खुशी आपको अकेले होती है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं है। यदि आपको मिली सफलता की खुशी आपके साथ काम करने वाले लोगों को भी होती है तो फिर यह अच्छी होती है।
उन्होंने कहा कि कारोबार हो या फिर राजनीति मानवीय संबंध दोनों में ही अहम हैं। उन्होंने कहा कि कैसे भी हालात हों, किसी को इस्तेमाल करके फेंकना नहीं चाहिए। नितिन गडकरी ने रिचर्ड निक्सन की एक बात का जिक्र करते हुए कहा कि 'कोई व्यक्ति हारने से खत्म नहीं होता, लेकिन मैदान छोड़ने से खत्म हो जाता है।' उन्होंने कहा कि हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि अहंकार और आत्मविश्वास में क्या फर्क होता है।
नितिन गडकरी अकसर अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। पिछले दिनों भाजपा ने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था जिसमें नितिन गडकरी को शामिल नहीं किया गया था। इस घटनाक्रम की भी काफी चर्चा हुई थी। नितिन गडकरी को मोदी सरकार के बेस्ट परफॉर्मिंग मंत्रियों में माना जाता है।