Omar Abdullah : उतार-चढ़ाव भरा रहा उमर का सियासी सफर, अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी है यह

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 (17:31 IST)
Omar Abdullah News : इस साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करने के महज 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल कर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने तक, उमर अब्दुल्ला का सफर काफी उतार-चढ़ावभरा रहा है। सत्ता में प्रभावशाली अब्दुल्ला परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है।
 
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (54) ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जो उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत है। उनके दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारूक अब्दुल्ला के बाद सत्ता में प्रभावशाली अब्दुल्ला परिवार की यह तीसरी पीढ़ी है। उमर 2009-14 तक पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे थे।
ALSO READ: उमर अब्दुल्ला ने मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली, रवींद्र रैना को हराने वाले सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम
हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में निर्णायक जीत के साथ नेकां ने 90 सीट में से 42 पर जीत हासिल की। इसकी चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। दोनों दलों के गठजोड़ को 95 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल है, वहीं 5 सदस्यों को उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत किया जाना है।
 
5 निर्दलीय और आम आदमी पार्टी (AAP) के एकमात्र विधायक ने भी नेकां-कांग्रेस गठबंधन को समर्थन दिया है। जून में उमर अब्दुल्ला को लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिली थी, जब वह बारामुला सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से जाना जाता है, से 2 लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए थे।
ALSO READ: जम्मू-कश्मीर की हालत दिल्ली जैसी, राज्य चलाने में कोई परेशानी हो तो मुझसे पूछ ले, उमर अब्दुल्ला से बोले केजरीवाल
जब अन्य दल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त थे, नेकां उपाध्यक्ष ने घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र द्वारा राज्य का दर्जा बहाल किए जाने तक वह चुनाव से बाहर रहेंगे। हालांकि उन्होंने जल्द ही अपना रुख बदल लिया और नेकां ने उन्हें एक नहीं बल्कि 2 सीट बडगाम और गांदरबल से चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने दोनों सीट पर आसानी से जीत हासिल की।
 
अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद नेकां का समर्थन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है तथा मतदाताओं के एक बड़े हिस्से ने क्षेत्र की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को अपना समर्थन दिया है।
ALSO READ: हरियाणा की हार पर कांग्रेस को उमर अब्दुल्ला की सलाह
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को उमर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 5 मंत्रियों सकीना मसूद (इटू), जावेद डार, जावेद राणा, सुरेंद्र चौधरी और सतीश शर्मा ने भी पद की शपथ ली। इटू और डार कश्मीर घाटी से हैं जबकि राणा, चौधरी और शर्मा जम्मू क्षेत्र से हैं। कांग्रेस ने कहा कि वह फिलहाल मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होगी।
 
स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले उमर 1998 के चुनाव में मैदान में उतरे थे और 28 वर्ष की आयु में 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए तथा संसद के निचले सदन के सबसे युवा सदस्य बने थे। वह 1999 में पुनः निर्वाचित हुए और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री बने तथा 2000 में विदेश राज्य मंत्री बने, लेकिन गोधरा कांड के बाद उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया।
ALSO READ: शेख अब्दुल रशीद का सुझाव भाजपा के हाथों में खेलना है : उमर अब्दुल्ला
अपने पिता द्वारा कमान सौंपे जाने के बाद उमर 2002 में परिवार के गढ़ गांदरबल से उम्मीदवार काजी मोहम्मद अफजल से विधानसभा चुनाव हार गए। वर्ष 2004 में वह फिर से लोकसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2008 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने गांदरबल सीट जीती और नेशनल कॉन्फ्रेंस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वह 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने और देश में सबसे युवा मुख्यमंत्रियों में से एक थे तथा कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

अगला लेख