मुंबई। भाजपा ने महाराष्ट्र में बहुमत साबित करने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया है। इस विशेष ऑपरेशन के तहत कई दिग्गज भाजपाई देवेंद्र फडणवीस को बहुमत साबित करने में मदद करेंगे।
भाजपा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। हालांकि उसे बहुमत साबित करने के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए। ऐसे में NCP नेता अजित पवार को साधा गया और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने का लालच दिया गया। अजित ने भी रात के अंधेरे में भाजपा को समर्थन देकर मंत्री पद स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं वह अपने साथ 11 विधायकों को भी ले गए।
बहरहाल शरद पवार ने सभी बागी विधायकों को एक बार फिर साध लिया। अब अजित का दावा है कि वह भी शरद पवार के साथ है और भाजपा-NCP गठबंधन महाराष्ट्र में स्थिर सरकार देगा। उधर शरद पवार ने अजित के दावे का खंडन किया है।
कांग्रेस और शिवसेना को भी सता रहा है डर : NCP के साथ ही कांग्रेस और शिवसेना को भी अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। यह तीनों ही पार्टियां अपने विधायकों को संभालने में जुटी हुई है। शिवसेना ने तो विधायकों को बचाने के लिए प्लान भी तैयार किया है। लगातार विधायकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है।
जानिए क्या है ऑपरेशन लोटस : ऑपरेशन लोटस की मदद से ही भाजपा ने 2008 में कर्नाटक में सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की थी। उस समय 224 सदस्यीय विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा 110 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसे सरकार बनाने के लिए 3 विधायकों की आवश्यकता थी।
विधानसभा में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए येदियुरप्पा ने 7 विपक्षी विधायकों पर डोरे डाले। इनमें 4 जेडीएस और 3 कांग्रेस के थे। ये विधायक अगर सीधे बीजेपी में आते तो दल-बदल कानून में इनकी विधायकी चली जाती। इसलिए पहले इन्होंने इस्तीफा दिया फिर भाजपा में शामिल हो गए। अब छह महीने में उपचुनाव होने ही थे।
भाजपा ने इन्हें उपचुनाव में उतारा। 7 में से 5 कैंडिडेट चुनाव जीत गए और येदियुरप्पा की सरकार में विधायकों की संख्या बहुमत से दो ज्यादा यानी 115 हो गई।