नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बलात्कार पीड़िताओं को मुआवजे का भुगतान करने के लिए दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को 15.5 करोड़ रुपए जारी करने का नगर सरकार को निर्देश दिया है। अदालत का यह आदेश डीएलएसए के वकील द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद आया कि बलात्कार पीड़िताओं को मुआवजा देने के लिए राशि समाप्त हो गई है।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह को उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा पारित एक आदेश के बारे में सूचित किया गया था जिसमें दिल्ली सरकार को पीड़ित मुआवजा कोष से 10 दिनों के भीतर डीएलएसए को राशि जारी करने का निर्देश दिया गया था। उस फैसले में कहा गया था कि राशि 25 करोड़ रुपए से कम नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति सिंह ने 13 सितंबर को पारित एक आदेश में कहा कि इसी तर्क के आधार पर दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाता है कि बलात्कार पीड़ितओं के कुछ दावों का भुगतान के लिए आज से 10 दिनों के भीतर डीएलएसए को दूसरी किस्त के तौर पर 15.5 करोड़ रुपए की राशि जारी करे।
अदालत एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में 3 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मामले में अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी। इस मामले में वकील प्रभासहाय कौर 'बचपन बचाओ आंदोलन' का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और अदालत की सहायता कर रही हैं।(भाषा)