कोरोनावायरस की दूसरी लहर से पूरे देश से कराहने की आवाज सुनाई दे रही है। कोविड पेशेंट एक-एक सांस के लिए अस्पताल में जंग लड़ रहे हैं, वहीं उनके तीमारदार अपने मरीज की जिन बचाने के लिए ऑक्सीजन की भीख मांग रहे हैं, गिड़गिड़ाते नजर आ रहे हैं।
चारों तरफ बेबसी और मायूसी का आलम नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति को देखकर एक युवा का मन विचलित हो गया और उसने कोविड पेशेंट को जीवन देने के लिए प्राणदायिनी आक्सीजन गैस देने कोशिश की। इस युवा उद्यमी की कोशिश रंग लाई और कई लोगों को जीवन भी मिला। वहीं इस प्लांट को नोएडा जिला प्रशासन ने भारत रत्न ऑक्सीजन प्लांट नाम दिया है।
मेरठ के युवा उद्यमी यशराज ने ऑक्सीजन की कमी को दूर करने की ठानी। अकेले यह काम संभव नहीं था, जिसके चलते उसने अपने मैकेनिकल इंजीनियर पिता अनुराग गुप्ता से चर्चा की। पिता अनुराग को बेटे की सोच बहुत अच्छी लगी और उन्होंने उसका हौसला बढ़ाते हुए मदद की। इस काम में पिता और बेटे का साथ देने के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियर चाचा संदीप गर्ग ने भी हाथ बढ़ाया और योजना पर काम शुरू कर दिया। आज की तारीख में ये ऑक्सीजन प्लांट लोगों के लिए जीवन को सलामत रखने का काम कर रहा है।
यशराज और उनकी पूरी टीम ने ये प्लांट स्क्रैप से तैयार किया है और वह इस ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने के पीछे पीएम मोदी को प्रेरणा मानते हैं। उनका कहना है कि मेक इन इंडिया मंत्र से ये संभव हो सका। युवा उद्यमी यशराज बताते हैं कि पिता अनुराग और चाचा संदीप के साथ मिलकर उन्होंने देशभर में 2005-2006 में बंद हो चुके पुराने गैस प्लांट की जानकारी जुटाई और वहां से मशीनों के पुराने पार्ट्स एकत्र किए।
इसके लिए छत्तीसगढ़, पुणे, शाहजहांपुर दिल्ली समेत कई इलाकों में जाकर पार्ट्स एकत्रित किए और उन्हें असेंबल किया। स्क्रैप से पार्ट्स जुटाने के बाद जमीन की जरूरत पड़ी। इस काम के लिए यशराज के चाचा ने गौतमबुद्ध नगर में अपनी सीमेंट की चादरें बनाने वाली फैक्ट्री की जमीन यशराज को दे दी।
समाजसेवा की भावना से जुड़े यशराज, उनके पिता अनुराग और चाचा संदीप गर्ग ने पांच-छह महीने के अथक प्रयास से बाद बीती 13 अप्रैल को स्क्रैप से नया ऑक्सीजन प्लांट गौतमबुद्धनगर में शुरू कर दिया।
कोविड की जानलेवा लहर के मध्य से प्लांट आज की तारीख में 300 सिलेंडर्स ज़रूरतमंदों को उपलब्ध करा रहा है। इस प्लांट की क्षमता 500 सिलेंडर प्रतिदिन की है, लेकिन अभी लगभग 300 तक सिलेंडर की दैनिक आपूर्ति हो पा रही है। गौतमबुद्धनगर में 70 फीसदी ऑक्सीजन की सप्लाई इसी प्लांट से हो रही है।
अब इस टीम का मिशन है कि यूपी के अऩ्य शहरों में भी ऐसे ऑक्सीजन प्लांट शुरु किए जा सकें। साथ ही अन्य शहरों के युवा आगे आएं और इस समाजसेवा के कार्य से जुड़े। यदि युवाओं ने हाथ बढ़ाया तो हमें ऑक्सीजन की कमी से कभी नहीं जूझना पड़ेगा। फिलहाल इस प्लांट का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है, लेकिन गौतमबुद्ध/नोएडा जिला प्रशासन ने इस नेक कार्य को सराहाते हुए इसे 'भारत रत्न ऑक्सीजन प्लांट' का नाम दिया है।