पद्मश्री वैज्ञानिक सोनकर ने उठाए CPCB की रिपोर्ट पर सवाल, कहा- प्रयागराज के गंगाजल में बैक्टीरिया नहीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 24 फ़रवरी 2025 (15:13 IST)
Scientist Ajay Sonkar question on CPCB report: पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर ने प्रयागराज महाकुंभ को लेकर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, सीपीसीबी रिपोर्ट के समय कहा गया था कि संगम का जल आचमन तो छोड़िए स्नान के भी लायक नहीं है। इस रिपोर्ट के ठीक उलट डॉ. सोनकर ने कहा कि गंगाजल में फिकल कोलीफॉर्म नामक बैक्टीरिया पनप ही नहीं सकता। उन्होंने कई श्रद्धालुओं के सामने गंगाजल पीकर भी दिखाया है। 
 
क्या है डॉ. सोनकर का दावा : डॉ. अजय सोनकर ने दावा किया है कि गंगा के जल में फिकल कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया हो ही नहीं सकता। यह बैक्टीरिया से 20 डिग्री से ऊपर तापमान में ही पनपता है। जबकि, महाकुंभ के दौरान पानी का टेंपरेचर कभी भी 20 डिग्री से ऊपर गया ही नहीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेले के दौरान मेले के दौरान गंगाजल का तापमान 10 से 15 डिग्री ही रहा। ऐसे में यह बैक्टीरिया खुद मल्टीप्लाट नहीं कर सकता। डॉ. सोनकर ने लोगों के सामने गंगा जल को पीकर भी दिखाया। इस बीच, महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या बढ़कर 63 करोड़ से ज्यादा हो गई है। ALSO READ: Mahakumbh 2025 : आचमन तो छोड़िए, नहाने योग्य भी नहीं संगम का पानी, CPCB की रिपोर्ट से मचा हड़कंप
 
संगम के अलग-अलग घाटों पर पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर ने श्रद्धालुओं के बीच गंगाजल का तापमान भी चेक किया। उन्होंने कहा कि गंगाजल का वर्तमान तापमान भी कोलीफॉर्म बैक्टीरिया के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि गंगा जल की शुद्धता पर किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए। ALSO READ: क्या अधूरी है महाकुंभ के जल पर CPCB की रिपोर्ट, नहीं है नाइट्रेट और फॉस्फेट का जिक्र
<

Must listen Dr Ajay Sonkar, Scientists-
“No faecal coliform' bacteria presence in Mahakumbh Sangam water at Triveni, #Prayagraj.
(Mal wala bacteria #Ganga ke Sangam par nahi hai) pic.twitter.com/39LgGkXqN1

— Frontalforce ???????? (@FrontalForce) February 23, 2025 >
क्या कहा था सीपीसीबी की रिपोर्ट में : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी की ओर से एनजीटी की भेजी गई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गंगाजल में फिकल कोलीफॉर्म नामक बैक्टीरिया 100 मिलीलीटर पानी में 2500 यूनिट से बहुत ज्यादा हैं। सीपीसीबी की रिपोर्ट के बाद एनजीटी ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई थी। दरअसल, यह बैक्टीरिया मनुष्यों के अलावा जानवरों की आंतों में भी पाया जाता है। इस बैक्टीरिया से उल्टी, दस्त समेत कई अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Punjab floods : 4 दशक की सबसे भीषण बाढ़ से जूझता पंजाब, 2.56 लाख लोग चपेट में, 29 की मौत, पानी में बहते पशु, छतों पर टेंटों में गुजरती रातें, क्यों जलमग्न है 'रोटी की टोकरी'

मोदी जी 'तेरे नाम' के सलमान की तरह हमेशा रोते रहते हैं, प्रियंका गांधी ने ऐसा क्यों कहा

iPhone 17 की लॉन्च की तारीख का ऐलान, भारत में क्या रहेगी कीमत, iPhone 17 Air, iPhone 17 Pro और iPhone 17 Pro Max भी किए जाएंगे पेश

Semicon India 2025 में पहली ‘मेड इन इंडिया’ Vikram 32-bit chip चिप लॉन्च़ खूबियां जानेंगे तो गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना

पीएम मोदी की बात सुन भावुक हुए बिहार बीजेपी अध्यक्ष, दिलीप जायसवाल के छलके आंसू

CM भगवंत सिंह मान ने फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, केंद्र सरकार से मुआवजा बढ़ाने की मांग की

बुनियादी सुविधाओं से स्मार्ट क्लास तक यूपी बना शिक्षा के कायाकल्प का साक्षी

योगी सरकार का उच्च शिक्षा में बड़ा कदम : तीन विश्वविद्यालयों में 948 नए पदों को मंजूरी

योगी कैबिनेट ने निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को दी मंजूरी

कानपुर और लखनऊ में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मॉडल पर संचालित होंगी ई-बसें

अगला लेख