Israel-Hamas War : भारत में पढ़ रहे फिलीस्तीनी छात्र अपने प्रियजनों को लेकर चिंतित

Webdunia
रविवार, 22 अक्टूबर 2023 (13:13 IST)
Palestinian students studying in India worried : गाजा में ढही इमारतों, मलबों और तबाही का मंजर भारत में रह रहे फिलीस्तीनी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रहा है और वे फिलीस्तीन में अपने परिवारों से संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनकी खैरियत को लेकर चिंतित हैं।
 
भारत में पढ़ाई कर रहा फिलीस्तीनी छात्र तालिब मानसिक तनाव से जूझ रहा है और उसे अपने परिवार के सदस्यों के कुशल क्षेम की चिंता लगातार सताती रहती है, जिसके कारण वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहा। धन की कमी से जूझ रहे 31 वर्षीय तालिब को अपने भोजन की गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों में कटौती करनी पड़ रही है।
 
तालिब ने कहा, युद्ध शुरू होने के बाद से में एक भी वाक्य लिख या पढ़ नहीं पाया हूं। मुझे मानसिक तनाव हो रहा है और मैं काफी समय से ठीक से सो नहीं सका हूं। तालिब अपने परिवार के किसी सदस्य से संपर्क नहीं कर पाया है। उसने कहा कि उसे यह भी नहीं पता कि उसके परिजन जीवित भी हैं या नहीं।
 
उन्होंने कहा, मैं स्वयं को असहाय महसूस कर रहा हूं। यह बहुत खराब स्थिति है। मैं भोजन पर भी सोच-समझकर पैसे खर्च कर रहा हूं। मैं अब तीन वक्त के बजाय दो वक्त ही खाना खाता हूं। स्वदेश लौटने को बेसब्र तालिब ने कहा कि वह युद्ध के जल्द समाप्त होने की कामना कर रहा है।
 
हमास ने इसराइल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला कर दिया था, जिसके बाद इसराइल ने इन हमलों का बदला लेने के लिए गाजा पर कई हमले किए हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा में 3,300 से अधिक लोग मारे गए हैं और 12,000 से अधिक घायल हुए हैं।
 
भारत में एक अन्य फिलीस्तीनी छात्रा आलिया ने अपना डिग्री पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और वह स्वदेश लौटने की योजना बना रही थी, लेकिन तभी युद्ध शुरू हो गया। अपने परिवार से संपर्क टूटने के बाद से उसे अत्यधिक घबराहट रहती है। आलिया ने आरोप लगाया कि फिलीस्तीनी दूतावास ने भारत में छात्रों को कोई सहायता नहीं दी है और उनमें से कई अपने दम पर जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
 
अपने दोस्तों के साथ रह रही आलिया ने कहा, भारत में फिलीस्तीन दूतावास ने हमें किसी भी तरह की सहायता नहीं दी है और न ही हमारी खैरियत के बारे में कोई जानकारी ली है। फारूक नाम के एक अन्य फिलीस्तीनी छात्र ने कहा कि उसके पास केवल एक और सप्ताह के लिए धन बचा है और ऐसे में उसके मित्र एवं अध्यापक उसकी मदद कर रहे हैं।
 
फिलीस्तीनी छात्रों ने यह भी कहा कि इस युद्ध ने उन कुछ छात्रों के साथ उनके संबंधों को भी प्रभावित किया है, जो इसराइल समर्थक हैं। दिल्ली के एक प्रमुख विश्वविद्यालय में पढ़ रहे फारूक ने कहा, ऐसे कई छात्र हैं जो हमारा समर्थन करते हैं, लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो इसराइल का समर्थन करता है। इस वजह से हमारे संबंध खराब हो गए हैं।
 
भारत में कई फिलीस्तीनी छात्रों ने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और वे गाजा को मिस्र से जोड़ने वाले एकमात्र मार्ग राफा सीमा के खुलने के बाद स्वदेश लौटने का इंतजार कर रहे हैं। अभी इस सीमा को केवल गाजा को सहायता पहुंचाने के लिए खोला गया है। (छात्रों की पहचान छुपाने के लिए उनके नाम बदले गए हैं।)(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

हरियाणा में पकड़ाया पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेज रहा था खुफिया जानकारी

MP : सरकारी कार्यशाला में विजय शाह की फोटो पर भड़के अफसर, मंत्री की जगह लगाई PM मोदी की तस्वीर

Ceasefire को लेकर भारत और पाक के DGMO ने की बात, Pakistan के विदेश मंत्री डार ने किया यह दावा

Tahawwur Rana : तहव्वुर राणा को मिलेगी उसके हर गुनाह की सजा, बनी 5 वकीलों की टीम, जनरल तुषार मेहता अध्यक्ष

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर, 3 राइफल और 3 ग्रेनेड बरामद

अगला लेख